Religious terrorism : मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने ISIS से प्रभावित होकर कट्टरपंथ का प्रचार करने और हिंसा फैलाने के आरोप में यूएपीए के तहत जेल में बंद आरोपियों को जमानत से इनकार कर दिया। जस्टिस सुश्रुत अरविंद धर्माधिकारी और अनुराधा शुक्ला की बेंच ने कहा कि धार्मिक आतंकवाद दु:खद और खतरनाक है, जो आस्था की सच्ची शिक्षा को विकृत करती है। यह समाज को भारी नुकसान पहुंचाती है। पीठ ने कहा कि धार्मिक आतंकवाद की जड़ें गहरी और जटिल हैं, पर कोई भी धर्म स्वाभाविक रूप से हिंसा या आतंक समर्थन नहीं करता है।
मई 2023 में एनआइए ने जबलपुर में आइएसआइएस विचारधारा से संबंधित आपत्तिजनक साहित्य बरामद किया। शाहिद, आदिल, सईद मामूर सहित अन्य पर यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया। एक आरोपी मोहम्मद शाहिद ने जमानत मांगी। अधिवक्ता ने तर्क दिया कि वह लंबे समय से जेल में है और एनआइए जांच पूरी हो गई। इस पर कोर्ट ने कहा कि व्यक्ति के प्रति अनुचित उदारता व्यक्त नहीं कर सकते, जो आतंकवाद और गैरकानूनी गतिविधियों के गंभीर आरोप का सामना कर रहा है।
Religious terrorism : आयुध निर्माणियों पर हमले की थी साजिश
कोर्ट ने कहा, एनआइए द्वारा एकत्र की गई सामग्री से पता चलता है कि वर्तमान अपीलकर्ता साजिश का सक्रिय सदस्य था। वे आयुध फैक्ट्री, जबलपुर पर हमला करने जा रहे थे। उनके खिलाफ ऐसी पर्याप्त सामग्री मिली है। यह आइएसआइएस के दस्तावेज जुटाते थे और जाकिर नाइक के लिटरेचर से जिहाद की ट्रेनिंग लेते थे।
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