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जबलपुर

women Hostel : जब शहर में काम करेंगे तो 10 किमी दूर रहने कौन जाएगा, महिलाओं ने उठाए सवाल

women Hostel उल्लेखनीय है कि पूर्व में कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्थल चयन में दूरदर्शिता की कमी के कारण बेकार हो गए।

जबलपुरJan 09, 2025 / 12:19 pm

Lalit kostha

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women Hostel : महानगर का स्वरूप लेते जबलपुर में छोटे शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों से बड़ी संख्या में युवतियां, महिलाएं यहां आकर नौकरी, व्यापार कर रही हैं। होटल इंडस्ट्री, उद्योग जगत, शिक्षा, मेडिकल, व्यापार व अन्य सेक्टरों में सेवाएं दे रही हैं, ऐसी कामकाजी महिलाओं के रहने के लिए 31 करोड़ की लागत से नगर निगम मल्टी स्टोरी हॉस्टल बनाने की प्लाप्लानिंग कर रहा है लेकिन इसके स्थल चयन पर प्रश्न खड़े हो रहे हैं। जब सारे कार्यस्थल शहर में है, ऐसे में निगम तेवर में हॉस्टल बना रहा है। शहर से इतनी दूर हॉस्टल ऐसे में कितना उपयोगी हो सकेगा। टॉऊन प्लानर्स का कहना है कि शहर से अलग-थलग 10 किलोमीटर दूर हॉस्टल बनाया जाना कामकाजी महिलाओं के लिए सुविधाजनक नहीं रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में कई महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट स्थल चयन में दूरदर्शिता की कमी के कारण बेकार हो गए।
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women Hostel : खंडहर हो गए हाट बाजार

चार दशकों में भेड़ाघाट में 2, कांचघर व विजय नगर में 1-1 हाट बाजार बनाए गए गए। करोड़ों की लागत से बनाए गए इन हाट बाजारों में से भेड़ाघाट के दोनों व कांचघर का हाट बाजार खंडहर हो गए। विजय नगर में जेडीए का तीन दशक पहले बनाया हाट बाजार भी लंबे समय तक खाली पड़ा रहा। आखिरकार खंडहर होते भवन में बिजली विभाग का कार्यालय व रजिस्ट्री कार्यालय खोले गए तब कहीं कुछ लोगों ने अपने कार्यालयों व एजेंसी के संचालन के लिए दुकान किराये पर लीं।
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women Hostel : करोड़ों के ओपन एयर थियेटर का दो साल से उपयोग नहीं

स्मार्ट सिटी के तहत भटौली में दुर्गा नगर की अवैध बस्ती के बीच 13 करोड़ की लागत से 500 दर्शकों की बैठक क्षमता के ओपन एयर थियेटर का निर्माण किया गया। लेकिन दो साल से थियेटर खाली पड़ा है। अंदर टूट-फूट हो रही है, लेकिन शहर से अलग-थलग होने के कारण इसके संचालन के लिए एजेंसी नहीं मिल रही है।
women Hostel : कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल ऐसी जगह बनाया जाना चाहिए जहां रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट से कनेक्टिविटी बेहतर हो। तेवर में हॉस्टल महिलाओं के लिए उतना उपयोगी नहीं होगा। पूर्व में भी कई प्रोजेक्ट सहीं स्थल चयन नहीं होने के कारण जनउपयोगी नहीं हो सके।
  • इंजी. संजय वर्मा, इंजीनियर व टाउन प्लानर

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