world class airport : विस्तारीकरण में 450 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी विमान कम्पनियां मनमानी करती रहीं और जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी मौन रहे। सही मंच पर प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण विमान कंपनियां मनमाने अंदाज में काम समेटकर रफू-चक्कर हो गईं। इसका खमियाजा शहर और आसपास के नगरों के लोग भुगत रहे हैं। नियमित विमान सेवा के अभाव में शहर का आर्थिक विकास पिछड़ता चला गया।
मनमाने अंदाज में शुरू और बंद होती रहीं फ्लाइट, फिर भी जनप्रतिनिधि और अधिकारी रहे मौन एयरपोर्ट पर सुविधाएं बढ़ीं, उड़ानें बंद कर कंपनियां फुर्र वायु सेवा सघर्ष समिति के संयोजक हिमांशु खरे ने बताया कि स्पाइस द्वारा शहर से अपनी सेवाएं बंद करने के बाद अन्य रूटों पर अपनी विमान सेवाएं शुरू की गई जबकि स्पाइस को शहर से फुल लोड मिल रहा था। इसके बाद इस कम्पनी ने शहर की ओर मुडकऱ नहीं देखा। इसके पीछे की मुख्य वजह इस कम्पनी से बातचीत न होना रहा।
जानकारी के अनुसार सबसे पहले एयर डेक्कन ने जबलपुर एयरपोर्ट से उड़ान शुरू की, इसके बाद किंगफिशर, जूम और फिर एयर इंडिया, स्पाइस और इंडिगो ने अपनी विमान सेवाएं शुरू की। लेकिन समय के साथ ही डेक्कन, जूम और किंगफिशर ने उड़ानें बंद की। इसके बाद स्पाइस ने अपना कारोबार यहां से समेट लिया।
world class airport : लगातार पिछड़ रहा शहर
साप्ताहिक उड़ानों को भी बिना सूचना बंद कर दिया गया। हैरत की बात है कि विमान कम्पनियों ने इसके पीछे कोई कारण बताना भी उचित नहीं समझा। प्रदेश में इंदौर, भोपाल और ग्वालियर से एक के बाद एक कई विमान सेवाएं शुरू की गई। हाल ही में कई विमान कम्पनियों ने फ्लायर्स की संख्या कम होने पर भी ग्वालियर से उड़ानें शुरू की, जबकि जबलपुर से प्रत्येक रूट के विमानों में अच्छी ऑक्यूपेंसी रहती है। विमान की 70 से 80 प्रतिशत सीटें यहां से भरकर आती और जाती है, लेकिन विमान सेवाओं के मामले में जबलपुर प्रदेश के उक्त तीनों शहरों से लगातार पिछड़ता नजर आ रहा है।
world class airport : कनेक्टिंग फ्लाइट्स या फिर दूसरे शहर
समिति के जितेन्द्र पचौरी ने बताया कि पुणे, कोलकाता समेत देश के अन्य शहरों में हवाई यात्रा करने जाने वालों को या तो कनेक्टिंग फ्लाइट लेनी पड़ रही है या फिर वे जबलपुर से नागपुर, इंदौर और भोपाल की यात्रा ट्रेन या कार से कर रहे हैं। इसके बाद वे वहां से फ्लाइट लेकर अपने गंतव्य को रवाना हो रहे है।
world class airport : पुणे के लिए एक भी फ्लाइट नहीं
समिति के मनोज जसाटी ने बताया कि जबलपुर और पुणे के बीच कुछ समय पूर्व फ्लाइट शुरू की गई थी। यह फ्लाइट हमेशा फुल रहती थी। इसका सबसे बड़ा कारण था पुणे में रहने वाले शहर के काफी सारे लोग। इस फ्लाइट के शुरू हो जाने के बाद पुणे आना-जाना आसान हो गया था। इस फ्लाइट को भी बंद कर दिया गया। यही कारण है कि शहर की पुणे से कनेक्टिविटी टूट गई और अब इस रूट पर एक भी विमान नहीं है।
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