किसानों की मांग हैं, कि जोरानाला से पानी छोड़ा जाए ताकि सूखी रही फसल के लिए पानी उपलब्ध हो सके। किसानों ने अपनी मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नाम ज्ञापन सौंपा हैं। जिसमें
छत्तीसगढ़ और ओड़िशा राज्य की सरकार किसानों के हित में मानवीय दृष्टिकोण अपनाते हुए जोरानाला का पानी छोड़े जाने की मांग की है।
CG News: विरोध दर्ज कराने का लिया निर्णय
यहां पर बड़ी संख्या में महिलाएं भी हाइवे पर कड़ी धूप के नीचे के हाथों में तख्तीयां लेकर विरोध करने पहुंची हूई थी। किसानों ने ‘जय जवान और जय’ किसान के नारे लगाते हुए आवाज बुलंद किया। बड़ी संख्या में बस्तर ब्लॉक के किसान पैदल मार्च करते हुए चक्का जाम करने पहुंचे थे। किसानों बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी इलाके का सर्वे करने पहुंचे थे, उन्होंने इस दौरान कहा कि जितना पानी छोड़ सकते थे, छोड़ा जा चुका है। गौरतलब है कि आगे से पानी यदि पानी छोड़ा जाएगा और भी कई स्थानों पर नदी का पानी कम होने से सूख सकता है। जिससे वहां पर भी किसानों को पानी की कमी का सामना करना पड़ सकता है। इससे पूर्व कमिश्नर और कलेक्टर को भी ज्ञापन सौंपा गया था, पर कोई नतीजा नहीं निकला। इसके चलते किसानों ने चक्काजाम करते हुए विरोध दर्ज कराने का निर्णय लिया।
किसानों ने की है फसल को होने वाले नुकसान पर क्षतिपूर्ति की मांग किसानों ने जोरा नाला से पानी छोड़ने की मांग फिर दोहराई इंद्रावती नदी सूखने से करीब 20 गांव के किसानों की फसल प्रभावित
करीब घण्टे भर नेशनल हाइवे जाम कर किसानों ने किया प्रदर्शन पुलिस बल को किया गया था तैनात
इंद्रावती सूखकर मैदान बन गई
अभी गर्मी ठीक से शुरु भी नहीं हुई है, कि इंद्रावती नदी सूख मैदान बन चुकी है। आसपास के ग्रामीण महिलाएं नदी से बहती हुई पतली धार से पानी बर्तन में इकट्ठा कर रहे हैं। गांव किनारे बसे ग्रामीणों को निस्तारी और पेयजल के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो रहा है। गर्मी में पानी के लिए मवेशी भटक रहे हैं।
किसानों ने हाईवे से जाम को हटाया
CG News: सीपी बघेल, अपर कलेक्टर: चक्का जाम करते हुए किसानों के द्वारा जोरानाला से पानी छोड़ने की मांग की गई है। जोरानाला ओड़िसा राज्य के क्षेत्र पड़ता है। दो राज्य से जुड़ा मामला है। किसानों ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम पत्र सौंपते हुए अवगत कराने की मांग की है। चक्काजाम करने की सूचना से पूर्व में ही प्रशासन को अवगत करवाया गया था। इसके चलते एहतियात बरतते हुए प्रशासन अधिकारी समझाइश के लिए पहुंचे थे। इस दौरान अपर कलेक्टर,
तहसीलदार सहित अन्य भारी संख्या में पुलिस जवानों मौजूद थे। प्रशासनिक अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि उनकी मांग पत्र से प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को अवगत करवाया जाएगा। करीब घण्टे भर प्रदर्शन के बाद किसानों ने हाईवे से जाम को हटाया। जिसके बाद आवागमन सुचारु हुआ।