यह भी पढ़ें बैठक में कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधि भी भाग लेंगे। बैठक का उद्देश्य सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा इंतजाम, प्रशासनिक व्यवस्था, आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को लेकर रहेगा। बैठक का उद्देश्य सभी राजनीतिक दलों को एक मंच पर लाकर आपात स्थिति में साझा रणनीति बनाना है, जिससे आमजन को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
यह भी पढ़ें India-Pakistan War के बीच बड़ी खबर, जयपुर में IPL मैच को किया स्थगित, अब 16 मई को नहीं होगा मुकाबला इससे पहले शुक्रवार को राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक और प्रशासनिक अधिकारियों के साथ अलग-अलग बैठकें की गईं। इन बैठकों में राज्य की सुरक्षा स्थिति, सीमावर्ती इलाकों की चुनौतियां, और आपदा राहत से जुड़े विषयों की विस्तृत समीक्षा की गई।
राज्य सरकार ने त्वरित राहत के रूप में सीमावर्ती 4 जिलों को 5-5 करोड़ रुपए तथा 3 जिलों को 2.5-2.5 करोड़ रुपए मुख्यमंत्री सहायता कोष से स्वीकृत किए हैं। यह राशि आपात स्थिति में आवश्यक व्यवस्थाएं करने के लिए प्रदान की गई है। सीमावर्ती क्षेत्रों में रिक्त पदों को तुरंत भरने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। ताकि किसी भी परिस्थिति में प्रशासनिक कामकाज प्रभावित न हो।
पुलिस और प्रशासन को 24 घंटे सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। सीमावर्ती इलाकों में गश्त बढ़ा दी गई है और इंटेलिजेंस यूनिट को भी सक्रिय कर दिया गया है। सरकार किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार रहने का दावा कर रही है। वहीं मुख्यमंत्री की ओर से आज ली जाने वाली सर्वदलीय बैठक से यह उम्मीद की जा रही है कि इसमें विपक्ष और सत्ता पक्ष मिलकर प्रदेशवासियों के हित में साझा रणनीति तैयार करेंगे।