वहीं, विधानसभा में स्पीकर देवनानी भावुक हो गए और कहा कि जिस तरह की भाषा सदन में बोली गई, वह असहनीय है। अब कोई भी सदस्य यदि आसन की गरिमा भंग करेगा, तो वह स्वतः निलंबित माना जाएगा।
कांग्रेस का विधानसभा का बहिष्कार
दरअसल, 21 फरवरी को मंत्री अविनाश गहलोत द्वारा पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी पर कथित अपमानजनक टिप्पणी किए जाने के बाद कांग्रेस ने सदन में हंगामा किया था। इस घटना के बाद स्पीकर ने गोविंद सिंह डोटासरा समेत छह विधायकों को निलंबित कर दिया। इसके विरोध में कांग्रेस ने विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार कर दिया और पश्चिमी गेट पर धरना दिया। इस प्रदर्शन में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित सभी 66 कांग्रेस विधायक शामिल हुए।
‘गीता पर सौगंध खाकर साबित करें’
विधानसभा के बाहर कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने स्पीकर और बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हम स्पीकर के पास गए थे, ताकि गतिरोध खत्म हो सके। वहां यह तय हुआ था कि मंत्री अविनाश गहलोत माफी मांगेंगे और मैं खेद प्रकट करूंगा। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्टा मंत्री को भाजपा कार्यालय में सम्मानित किया गया। उन्होंने आगे चुनौती देते हुए कहा कि अगर कोई गीता पर हाथ रखकर यह बोल दे कि मेरी माफी की बात हुई थी, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। अगर मेरे द्वारा अमर्यादित भाषा के इस्तेमाल का कोई सबूत है, तो बीजेपी उसे सार्वजनिक करे। इसके साथ ही डोटासरा ने स्पीकर के खिलाफ विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाने और उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने पर भी विचार करने की बात कही।
स्पीकर देवनानी सदन में हुए भावुक
वहीं, विधानसभा में स्पीकर वासुदेव देवनानी दो बार भावुक हो गए और उनकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा निष्पक्ष रहने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस विधायकों ने समझौते का पालन नहीं किया। जिस तरह की भाषा कल बोली गई, वह असहनीय है। उन्होंने आगे कहा कि अब से कोई भी सदस्य अगर स्पीकर के डायस तक पहुंचेगा या अव्यवस्थित व्यवहार करेगा, तो उसे स्वतः निलंबित माना जाएगा। इसके लिए कोई प्रस्ताव लाने की आवश्यकता नहीं होगी। स्पीकर ने डोटासरा द्वारा आसन के प्रति अपशब्द कहे जाने पर भी चिंता जताई और कहा कि कि आसन का सम्मान होना चाहिए। ऐसा सदस्य विधानसभा में रहने योग्य नहीं है।
क्या है विवाद की जड़?
21 फरवरी को विधानसभा में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत ने इंदिरा गांधी पर एक टिप्पणी की, जिसे कांग्रेस ने अपमानजनक बताया। इस बयान के विरोध में कांग्रेस विधायकों ने सदन में हंगामा किया और स्पीकर की टेबल तक पहुंच गए। इसके बाद स्पीकर ने कांग्रेस के छह विधायकों को निलंबित कर दिया, जिनमें गोविंद सिंह डोटासरा, रामकेश मीणा, अमीन कागजी, जाकिर हुसैन गैसावत, हाकम अली खान और संजय कुमार शामिल थे।