राजस्थान को कब मिलेगा रावी-व्यास नदी का पूरा पानी? BJP विधायक ने पूछा सवाल, मंत्री रावत ने दिया अधूरा जवाब
Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को रावी-व्यास नदी से राजस्थान को पूरा पानी मिलने के मुद्दे पर जोरदार चर्चा हुई।
Rajasthan Assembly Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र में बुधवार को रावी-व्यास नदी से राजस्थान को पूरा पानी मिलने के मुद्दे पर जोरदार चर्चा हुई। भाजपा विधायक कालीचरण सराफ ने प्रश्नकाल के दौरान इस विषय को उठाया और सरकार से पूछा कि राजस्थान को उसके हिस्से का पूरा पानी कब तक मिलेगा?
विधायक कालीचरण सराफ ने सदन में कहा कि 1981 में राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के बीच जल समझौता हुआ था, लेकिन 2004 में पंजाब सरकार ने इसे निरस्त करने के लिए एक अधिनियम पारित कर दिया। यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां 2016 में अदालत ने इस निरस्तीकरण को अवैध करार दिया और कहा कि राजस्थान अपने हिस्से के पानी का हकदार है।
सराफ ने सरकार से सवाल किया कि जब डबल इंजन की सरकार सत्ता में है, तो यह राजस्थान के हक का पानी लेने का सबसे अनुकूल समय है। उन्होंने सुझाव दिया कि उच्च स्तर के नोडल अधिकारी (ACS स्तर) की नियुक्ति की जाए, जो विशेष रूप से रावी-व्यास नदी से राजस्थान के हिस्से का पानी दिलाने पर काम करें।
मंत्री सुरेश सिंह रावत ने दिया ये जवाब
इस सवाल के जवाब में जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने कहा कि राजस्थान को रावी-व्यास नदी का पूरा पानी दिलाने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि वर्तमान में राजस्थान को रावी-व्यास नदी से अतिरिक्त पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार ने भाखड़ा प्रबंध मंडल (BBMB) से लगातार संपर्क किया, ताकि 0.60 MAF (मिलियन एकड़ फीट) पानी राजस्थान को मिले।
मंत्री रावत ने कहा कि जल संसाधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (ACS) ने जल शक्ति मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर राजस्थान के हक के पानी की मांग रखी। मंत्री ने जानकारी दी कि सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान सरकार का पक्ष मजबूती से रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ताओं की नियुक्ति की गई है। ACS स्तर के नोडल अधिकारी की नियुक्ति का सुझाव अच्छा है, इस पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।
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पानी के लिए उच्चस्तरीय प्रयासों की जरूरत
कालीचरण सराफ ने तर्क दिया कि जब राजस्थान सरकार ने हरियाणा के साथ यमुना जल समझौता किया, मध्य प्रदेश के साथ ERCP (ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट) का समझौता किया, तो फिर रावी-व्यास नदी के जल समझौते को लेकर ठोस कदम क्यों नहीं उठाए जा रहे? उन्होंने सुझाव दिया कि एक वरिष्ठ नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाए, जो केवल इस विषय पर काम करे और केंद्र सरकार से समन्वय स्थापित करे।