इसके बाद भी हमारा दर्द किसी को नजर नहीं आ रहा है। किसी को चौड़ी सड़क चाहिए तो किसी को मुआवजा, लेकिन हमारी फिक्र किसी ने नहीं की। दरअसल, हम वो पेड़ हैं जो सड़क चौड़ी करने की प्रक्रिया में पिस रहे हैं। हमारे ऊपर भी लाल रंग से नम्बर डालकर जेडीए हमें डरा रहा है। हमें अपना अस्तित्व खतरे में लग रहा है।
पत्रिका टीम ने गुरुवार को प्रभावित क्षेत्र के दोनों ओर सड़क सीमा में आने वाले पेड़ों की गिनती की। करीब 70 बड़े पेड़ सड़क सीमा में आ रहे हैं। इनमें मौलश्री, खेजड़ी से लेकर जामुन, नीम, गुलमोहर, पीपल के पेड़ शामिल हैं। कई पेड़ों की मोटाई एक मीटर से अधिक है। यदि ऊंचाई की बात करें तो 30 से 35 फीट ऊंचे हैं।
ने JDA को दी स्वीकृति; क्यों हुआ फेल? जानें ये है प्रावधान
एक पेड़ को हटाने के बदले में 10 पौधे लगाने और उनकी देखभाल करने का प्रावधान है। पूर्व में मेट्रो निर्माण के दौरान बड़े पेड़ों को हटाया गया और तो उनके बदले जो पौधे लगाए गए, वो देख-रेख के अभाव में सूख गए। हालांकि, कुछ बड़े पेड़ शिफ्ट करने के दौरान जिंदा बच गए हैं।
नौ करोड़ से संवरेगी सड़क
झाड़खंड मोड़ से 200 फीट बाइपास तक जेडीए करीब नौ करोड़ रुपए से सड़क को विकसित करेगा। माना जा रहा है कि 21-21 मीटर का मुख्य कॉरिडोर होगा। इसके अलावा दो मीटर का मीडियन बनेगा। दोनों ओर दो-दो मीटर का फुटपाथ विकसित किया जाएगा।