Kotputli Chetna Rescue: समय पर चेतना तक क्यों नहीं पहुंच पाई रेस्क्यू टीम, जानिए ऑपरेशन में लगे जवान ने क्या कहा
Kotputli Chetna News: ऑपरेशन के बाद जवान ने मीडिया को रेस्क्यू में देरी की वजह बताई। रेस्क्यू में शामिल जवान ने बताया कि चेतना जिस बोरवेल में गिरी थी, वह नीचे जाकर झुका हुआ था।
कोटपूतली। रेस्क्यू टीम ने 10वें दिन बोरवेल से चेतना को बाहर निकाल लिया। हालांकि चेतना को बचाया नहीं जा सका। ऑपरेशन के बाद जवान ने मीडिया को रेस्क्यू में देरी की वजह बताई। रेस्क्यू में शामिल जवान ने बताया कि चेतना जिस बोरवेल में गिरी थी, वह नीचे जाकर झुका हुआ था। रेस्क्यू टीम को इस बात का पता देरी से चला। उन्होंने बताया कि टीम को आखिरी 10 फीट खुदाई करने में सबसे ज्यादा दिक्कत आई।
उन्होंने कहा- “रेस्क्यू टीम को 171 फीट खुदाई करनी थी। 161 फीट तक खुदाई करने में पाइलिंग मशीन को ज्यादा समय नहीं लगा। लेकिन आखिरी 10 फीट खुदाई करने में टीम को 36 घंटे लग गए। इसके अलावा करीब डेढ़ दिन तक हुई बारिश से भी रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा आई। बारिश की वजह से वेल्डिंग में दिक्कतें आई। टीम केसिंग (लोहे की पाइप) नहीं डाल पाई। जिसकी वजह से रेस्क्यू में देरी हुई।” इधर, रेस्क्यू टीम के अधिकारियों ने कहा कि कड़ी मशक्कत के बच्ची को बाहर निकाल लिया गया, हालांकि उसे बचा नहीं सके इसका दुख है।
दरअसल, चेतना बोरवेल में गिरने के बाद 170 फीट की गहराई पर फंस गई थी। बच्ची को बाहर निकालने के लिए उसके समानांतर 171 फीट तक एक और बोरवेल खोदा गया। सुरंग की चट्टानें कठोर होने के कारण एनडीआरएफ और रैट माइनर्स को इसे खोदने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। पहली योजना के तहत हुकनुमा जुगाड़ सिस्टम की मदद से बच्ची को 15 फीट ऊपर लाया गया। लेकिन मिट्टी में फंसे होने के कारण बच्ची हुक से निकल गई और 150 फीट पर अटग गई। दूसरी योजना के तहत बोरवेल के समानांतर 170 फीट तक एक और बोरवेल खोदा गया। जिससे 10 दिन की कड़ी मशक्कत के बाद चेतना को बाहर निकाला जा सका।
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