दरअसल, यूनुस खान ने विधानसभा में कहा कि 1990 से 2003 तक तीन बार दीनदयाल उपाध्याय की मूर्ति को खंडित किया गया और अब यह चौथी बार हुआ है। उन्होंने सरकार से पूछा कि आखिर बार-बार एक ही महापुरुष की मूर्ति को निशाना क्यों बनाया जा रहा है?
इस मामले को हल्के में न ले- MLA
निर्दलीय विधायक यूनुस खान ने आरोप लगाया कि एक विशेष गिरोह इस विचारधारा को फैलने से रोकना चाहता है। उन्होंने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय कोई साधारण व्यक्ति नहीं थे, वे जनसंघ के अध्यक्ष रहे और अंत्योदय की विचारधारा के समर्थक थे। खान ने मांग की कि सरकार इस मामले को हल्के में न ले और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करे। इस पर गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम ने कहा कि पंडित दीनदयाल उपाध्याय का हर कोई सम्मान करता है और उनकी मूर्ति को खंडित करने वाले दोषियों को नहीं बख्शा जाएगा। उन्होंने बताया कि डीडवाना में मूर्ति स्थल के जीर्णोद्धार का काम चल रहा है। मंत्री ने आश्वासन दिया कि कानून के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
‘किसी भी महापुरुष की मूर्ति खंडित न हो’
इस चर्चा के बाद विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने सरकार को निर्देश देते हुए कहा कि राजस्थान में किसी भी महापुरुष की मूर्ति को इस तरह खंडित नहीं होने देना चाहिए। स्पीकर ने कहा कि चाहे वह पंडित दीनदयाल उपाध्याय हों, डॉ. भीमराव अंबेडकर, महाराणा प्रताप, पृथ्वीराज चौहान या पंडित जवाहरलाल नेहरू, किसी भी महापुरुष की मूर्ति को नुकसान नहीं पहुंचना चाहिए। उन्होंने सरकार से सुनिश्चित करने को कहा कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।