निकाल लिया बदलाव का रास्ता
बीते वर्ष वन विभाग ने प्रधान मुख्य वन संरक्षक और मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें निर्णय लिया गया कि नक्शे की सीमाओं में असमानता के कारण न्यायालय में कई वाद विचाराधीन हैं। न्यायालयों में अलग-अलग जवाब देने की स्थिति को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया। इस बैठक में तय हुआ कि अभयारण्य का नक्शा 22 सितंबर 1980 की अधिसूचना के आधार पर दोबारा तैयार किया जाएगा।डीएफओ विजयपाल सिंह से सवाल-जवाब
Q. दुबारा सीमांकन की जरूरत क्यों पड़ी ?जवाब: नक्शे की सीमाओं में असमानता के कारण ऐसा किया जा रहा है। इस वजह से कई मामले न्यायालय में चल रहे हैं।
जवाब: ऐसा नहीं है। कई जगह सीमा गांव के अंदर तक है। सीमा से सटे कई गांव इससे बाहर हैं। इस तरह की कई दिक्कतें है। जिससे विवाद हो रहे हैं। ये सब देखते हुए ऐसा किया जा रहा है। इसमें किसी को फायदे जैसी कोई बात नहीं।
जवाब: इस काम में पूरी पारदर्शिता रखी जाएगी। गजट नोटिफिकेशन के अनुसार सर्वे का काम शुरू किया गया है। जैसे यह काम पूरा होगा उसके बाद आगे का काम होगा। यह तय है कि, इसमें सब कुछ स्पष्ट रहेगा।