यह नजारा किसी मंदिर का नहीं, बल्कि जयपुर शहर के विभिन्न मंदिरों के पुजारियों के यूट्यूब चैनल्स का है। अब आस्था केवल मंदिर की चौखट तक सीमित नहीं रही। तकनीक के युग में पूजा-पाठ और प्रवचन यूट्यूब, फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स के जरिए दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच रहे हैं। जयपुर सहित देश भर के हजारों पुजारी-कथावाचक अब सोशल मीडिया पर न केवल पूजा प्रवचन कर रहे हैं, बल्कि लोगों तक धर्म का संदेश पहुंचा रहे हैं।
नई पीढ़ी से संवाद का प्रभावी तरीका
जगतपुरा स्थित कृष्ण बलराम मंदिर के पुजारी कृष्णपाददास ने बताया कि सोशल नेटवर्क पर रील्स, शॉर्ट्स और मोटिवेशनल धार्मिक कोट्स के जरिए नई पीढ़ी से संवाद कर पा रहे हैं। यह बदलाव न सिर्फ धर्म को आधुनिकता से जोड़ रहा है, बल्कि हमारी सांस्कृतिक परंपराओं को भी नई ऊर्जा दे रहा है।
वर्चुअल पूजा से बदली जीवन शैली
पहले पुजारियों का कार्य केवल मंदिरों तक सीमित था, वहीं अब डिजिटल दुनिया में उनकी भूमिका एक ’धार्मिक कंटेंट क्रिएटर’ की हो गई है। इस्कॉन, अक्षयपात्र और वृंदावन जैसे बड़े संगठनों से जुड़े विद्वान और कथावाचक नियमित ऑनलाइन सत्र करते हैं।