scriptपूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण चुनाव आयोग के SIR के खिलाफ एकजुट क्यों है विपक्ष? 2026-2027 में इन राज्यों में होने वाले हैं चुनाव | Why opposition parties RJD Congress DMK TMC united against the Election Commission Bihar SIR | Patrika News
राष्ट्रीय

पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण चुनाव आयोग के SIR के खिलाफ एकजुट क्यों है विपक्ष? 2026-2027 में इन राज्यों में होने वाले हैं चुनाव

बिहार में इस साल के अंत में चुनाव है, जबकि पांच राज्यों- असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव है। 2027 में, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब में विधानसभा चुनाव है। विपक्षी पार्टियों को डर है कि आगामी चुनाव में उन राज्यों में SIR लागू किया जाएगा। इससे मत प्रतिशत पर असर पडे़गा।

पटनाJul 08, 2025 / 03:10 pm

Pushpankar Piyush

इंडिया गठबंधन (फोटो- आईएएनएस)

इंडिया गठबंधन (फोटो- आईएएनएस)

बिहार में चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक पूरा विपक्ष एकजुट हो चुका है। गैर सरकारी संगठन ADR सहित 9 राजनीतिक दलों ने इस पर रोक लगाने को लेकर याचिका दाखिल की है। केरल से आने वाले कांग्रेस सांसद केसी वेणुगोपाल, सीपीआाई के डी राजा, तमिलनाडु में सत्ताधारी पार्टी DMK, उत्तर प्रदेश के सपा नेता हरिंदर मलिक, महाराष्ट्र के शिवसेना (UBT) नेता अरविंद सावंत, झारखंड की सत्ताधारी पार्टी झामुमो के नेता सरफराज अहमद और भाकपा माले नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने SIR पर रोक लगाने को लेकर याचिका दाखिल की है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग के इस कदम पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।

आखिर क्यों हो रहा है विपक्ष एकजुट

बिहार में इस साल के अंत में चुनाव है, जबकि पांच राज्यों- असम, केरल, पुडुचेरी, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में 2026 में चुनाव है। 2027 में, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर, पंजाब में विधानसभा चुनाव है। असम में बीते दस साल से भाजपा काबिज है। यहां कांग्रेस को उम्मीद है कि आगमी विधानसभा चुनाव में वह सत्ता में काबिज हो सकती है। केरल में वाम दल की सरकार है। यहां भी अगले साल चुनाव है। तमिलनाडु में डीएमके सत्ता में है, जबकि पश्चिम बंगाल में टीएमसी सत्ता में है। वहीं, 2027 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर सपा अपनी तैयारी मजबूत करने में जुटी हुई है। इन सब को डर है कि केंद्र सरकार इसके जरिए कई लोगों को मताधिकार से वंचित कर देगी। इससे चुनाव परिणाम पर व्यापक असर पड़ेगा।

तेजस्वी ने लगाए गंभीर आरोप

तेजस्वी यादव ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। तेजस्वी ने कहा कि हमें अभी तक चुनाव आयोग की तरफ से कोई स्पष्टता नहीं मिली है। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग केवल डाकघर के रूप में काम करता है और उसके पास जवाब देने का कोई अधिकार नहीं है। बिहार में गरीबों के पास आधार कार्ड, राशन कार्ड है। उनके पास वह सभी दस्तावेज नहीं है, जो चुनाव आयोग ने मांगे हैं। वही, इस मामले के लेकर बिहार में राज्यवापी आंदोलन की तैयारी भी इंडिया गठबंधन ने शुरू कर दी है। कांग्रेस पूर्व अध्यक्ष व लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी नई श्रम संहिता और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ आयोजित ‘‘चक्का जाम” में शामिल होने के लिए बुधवार यानी कल पटना पहुंचेंगे।

गुप्त तरीके से NRC लागू करने की कोशिश

AIMIM चीफ व हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि निर्वाचन आयोग बिहार में गुप्त तरीके से NRC लागू कर रहा है। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट में नाम दर्ज करवाने के लिए अब नागरिकों को दस्तावेज के जरिए साबित करना होगा कि वह कब और कहां पैदा हुए थे। उन्हें यह भी बताना होगा कि उनके मां-पिता कहां पैदा हुए थे। ओवैसी ने कहा कि सीमांचल के इलाके में बाढ़ की समस्या है। वहां गरीबी बहुत है। लोग बड़ी मुश्किल से दो जून की रोटी जुटा पाते हैं। ऐसें में उनसे यह अपेक्षा करना कि उनके पास कागजात होंगे, यह एक क्रूर मजाक है। निर्वाचन आयोग के इस कदम के चलते बड़ी संख्या में गरीब वोटर लिस्ट से बाहर हो जाएंगे।

बंगाल के लिए बिहार से कवायद शुरू

टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा कि मतदाता पुनरीक्षण अभी क्यों की जा रही है? उन्होंने दावा किया कि TMC के पास इस बात के पुख्ता सबूत हैं कि यह सब इसलिए शुरू किया जा रहा है क्योंकि आगामी बंगाल विधानसभा चुनाव में बीजेपी को सर्वे में सिर्फ 46 से 49 सीटें मिलती हुई दिखाई दे रही हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी कुछ भी कर सकती है।

Hindi News / National News / पूर्व से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण चुनाव आयोग के SIR के खिलाफ एकजुट क्यों है विपक्ष? 2026-2027 में इन राज्यों में होने वाले हैं चुनाव

ट्रेंडिंग वीडियो