उन्होंने कहा कि अभी डेढ़ साल हुआ है, पूरे पांच साल राज करो। आपको कौन रोक रहा है? पंडित भजनलाल हमें सूट करते हैं। हम चाहते हैं कि आप अच्छा शासन करें। गहलोत ने खुलासा किया कि उनकी भजनलाल से दो बार मुलाकात हुई है। उन्होंने बताया कि वो मेरे पास आए थे, बोले कि मैं 20 साल से राजस्थान में घूम रहा हूं और अच्छा काम करूंगा।
कानून-व्यवस्था पर क्या बोले?
अशोक गहलोत ने भजनलाल सरकार की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब है। उन्होंने दौसा के एक विधायक का उदाहरण देते हुए कहा कि उनके घर में चोरियां हो रही हैं, जो अखबारों की सुर्खियां बन रही हैं। गहलोत ने पूछा कि जब एक विधायक की यह हालत है, तो आम जनता का क्या हाल होगा? इसके अलावा, उन्होंने बजरी खनन में माफिया के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताई। गहलोत ने कहा कि हमारे कार्यकाल में भी बजरी खनन की समस्या थी, लेकिन हमने इसे रोकने की कोशिश की। अब तो ऊपर से नीचे तक नेक्सस बन गया है। पुलिस पर हमले हो रहे हैं, जो गैंग का हिस्सा नहीं, उन्हें कुचल दिया जाता है। उन्होंने मध्यमवर्गीय परिवारों को बजरी की महंगी कीमतों से होने वाली परेशानी का भी जिक्र किया।
गहलोत ने मुख्यमंत्री को सलाह दी कि वे दौरे करने के साथ-साथ कानून-व्यवस्था, बजरी माफिया और प्रशासनिक समस्याओं पर ध्यान दें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के पास बड़ी शक्ति है, उसका उपयोग करें। अगर गवर्नेंस कमजोर रही, तो नुकसान सरकार को ही होगा।
योजनाओं को लेकर कसा तंज
गहलोत ने सरकार की योजनाओं पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार की ‘प्रशासन गांव के संग’ योजना को बंद कर इसका नाम बदल दिया गया। RGHS जैसी कर्मचारी हितैषी योजना को भी कमजोर कर दिया गया है। उन्होंने कहाकि 25 लाख का बीमा अब भी है, लेकिन जनता के दिमाग में यह बैठ गया कि यह खत्म हो गया। प्राइवेट अस्पतालों में इलाज प्रभावित हो रहा है, क्योंकि भुगतान नहीं हो रहा। गहलोत ने सरकार को चेताया कि ऐसी गवर्नेंस का नुकसान उसे ही भुगतना पड़ेगा।
प्रशासनिक लापरवाही पर उठाए सवाल
पूर्व सीएम ने आईपीएस अधिकारियों के प्रमोशन में देरी पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रमोशन हो चुके हैं, लेकिन लिस्ट जारी नहीं हो रही। नए डीजीपी बन गए, फिर भी देरी क्यों? उन्होंने भजनलाल शर्मा से अपनी शक्तियों का उपयोग कर गवर्नेंस में सुधार लाने की अपील की।
SI भर्ती पर टिप्पणी से किया बचाव
एसआई भर्ती मामले में हाईकोर्ट की सुनवाई पर गहलोत ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार चली गई, अब भजनलाल सरकार को पब्लिक इंटरेस्ट में काम करना चाहिए। हाईकोर्ट का मामला ज्यूडिशियल है, हम क्या बोलें?