पूर्व सीएम ने गहलोत ने सीएम को इन 10 कमियों को लेकर घेरा
1-एमएलए कह रहा है मेरे यहां तीन चोरी हो चुकी। अब आप समझ सकते होंगे कि बाकी लोगों की क्या स्थिति होती होगी प्रदेश के अंदर। कोई सुनने वाला नहीं है ,इतना करप्शन हो रहा है कि चाल चरित्र चेहरा इनका जो था वो तो पूरा एक्पोज हो गया है। पब्लिक की निगाह के अंदर भी, कितनी बड़ी-बड़ी बातें करते थे चाल चरित्र चेहरा हमारा अलग है कांग्रेस से अब आप देखिए इतना करप्शन जो हो रहा है इतने लोग दुखी हैं। 2- मुख्यमंत्री को चाहिए कि वो जो इनकी इंटेलीजेंस ब्रांच है उसका उपयोग करें। एक बार अभियान चलवाए। इंटेलीजेंस ब्रांच के माध्यम से जो साइलेंटली जा कर देखें राजस्थान के अंदर तमाम मुद्दे जो हम विपक्ष वाले उठाते हैं। उन मुद्दों में दम है कि नहीं। अगर दम नहीं है तो कोई बात नहीं। राजनीति कर रहे होंगे, दम है तो फिर उनको ठीक करना चाहिए।
3-अगर उनको लगे, खुद की एजेंसियां हैं, जो आईबी एजेंसी उन की खुद की है उसके माध्यम से सर्वे करवा लें कि जो मुद्दे हम उठा रहे हैं। कानून व्यवस्था की हो या ये जो चोरियां डकैतियां जो भी हो रही हैं।
4- गांव के अंदर भी जिलों के अंदर भी सुनवाई नहीं होती है। गुंडागर्दी हो रही है। माफिया हावी है। वहां पर लोगों को समझ में आ नहीं रहा है शिकायत किससे करें। शिकायत का जो सिस्टम होता है वो ध्वस्त हो गया है।
5- कलेक्टर को रेगुलर बैठना चाहिए जनसुनवाई में, कितने कलेक्टर बैठ रहे हैं। एसपी को जनसुनवाई करनी चाहिए। कलेक्टर को नाइट हाल्ट करना चाहिए। 6- मैं ये दावा नहीं करता कि मेरे वक्त में सब ठीक ही होगा, हो सकता है वहां भी कमी रही होगी, तो वो तो कमी रह गई, सरकार अब आपकी है हम आपसे सवाल करेंगे। आपके वक्त में देखिए कितने कलेक्टर दौरे कर रहे हैं। गांवों के, नाइट हाल्ट कर रहे हैं। कहां पर आपके एसपी जो हैं, जनसुनवाई कर रहे हैं।
7-कोई शिकायत कहां करे ? थाने में करें, डीवाईएसपी को करते हैं। एसपी को करते हैं। वो सुनवाई हो रही है क्या वहां पर उनकी ? ये तमाम इनको खुद इनकी आईबी जो है उसको देना चाहिए काम। कम से कम वो पंद्रह दिन में आपको रिपोर्ट देंगी। उस पर एक्शन करना शुरू कर दो जनता का भला होगा।
8-जब मुख्यमंत्री बन ही गए हैं, पहली बार एमएलए पहली बार मुख्यमंत्री ऐसा सौभाग्य बहुत कम लोगों को मिलता है जो भजनलालजी को मिला है। मैं गवर्नेंस की बात करता हूं वो अगर वो नहीं सम्भाल पाएंगे तो हमें भी तकलीफ होती है, पहला चांस, पहली बार एमएलए और मुख्यमंत्री, उनको जिंदगी में इतना बड़ा चांस मिला है।
9- उनको अपना परिवारवाद छोड़ देना चाहिए। मैं हमेशा कहता था बचपन से हम लोग पब्लिक प्रॉपर्टी हैं। आप एमएलए बनो, एमपी बनो। मुख्यमंत्री बनो। मंत्री बनो। हम पब्लिक प्रॉपर्टी हैं। पब्लिक कभी भी हमें अपनी शिकायत दे सकती है। इनको चाहिए अपने को पब्लिक प्रॉपर्टी बनाएं उसमें परिवारवाद पिक्चर में नहीं आता है कहीं , पीछे कर दो उसको, वर्ना आप लोग बदनाम हो जाओगे।
10-मुझे उम्मीद थी कि ये दो चार महीने देखो लगता है। नया आदमी है। दो- चार- छह महीने लगता है। साल भर लग जाओ। पर अब तो कम से कम डेढ़ साल से ज्यादा हो गया। इनको चाहिए कि विपक्ष इनका दुश्मन नहीं है। विपक्ष जो है जो बोलता है चाहे प्रदेश कांग्रेस कमेटी बोले, चाहे नेता प्रतिपक्ष बोलें। चाहे हम लोग बोलें। हमारा धर्म कहता है। हमारा कर्तव्य कहता है। हम बोलेंगे, गंभीरता से लें हमारी बातों।