दो विकल्प पर किया जा रहा है विचार
सरकार इस राशि का वित्तीय प्रबंधन करेगी। इसमें दो विकल्प पर विचार किया जा रहा है। एक संबंधित उपभोक्ता के नाम लोन लिया जाए, लेकिन पैसा सरकार चुकाए। दूसरे मामले में सीधे सरकार लागत वहन करे। ऊर्जा विभाग ने इसका प्रस्ताव वित्त विभाग को भेज दिया है। नए फॉर्मूले पर अंतिम मुहर वहीं लगेगी। नए फॉर्मूले से जुड़ने के लिए अवधि निर्धारित की जाएगी। तब तक मौजूदा सब्सिडी जारी रहेगी।इन्हें फिलहाल नहीं मिलेगा फ्री बिजली का लाभ
जिन उपभोक्ता की छत पर जगह नहीं है, उनके लिए सामुदायिक रूप से सोलर पैनल लगाने की जगह उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए नजदीकी विद्युत सब स्टेशन पर पैनल लगाए जाएंगे। यदि वहां जगह कम या नहीं होगी तो सामुदायिक केन्द्र या अन्य जगह पैनल लगाएंगे। सरकार इसे 28 मार्च से लागू कर सकती है। करीब 36 लाख घरेलू उपभोक्ता योजना में रजिस्टर्ड नहीं है। संभव है कि इन्हें फिलहाल फ्री बिजली का लाभ नहीं मिले।31 मार्च से राजस्थान में नया बिल्डिंग बायलॉज होगा लागू! छोटे भूखंडों पर मिलने वाली कई छूट होंगी बंद
1- हर दिन 4 से 5 यूनिट उत्पादन : एक किलोवाट क्षमता के सोलर पैनल से हर दिन 4 से 5 यूनिट बिजली उत्पादन होता है। इस तरह एक माह में अधिकतम 150 यूनिट बिजली मिलेगी। इसी को आधार मानते हुए एक किलोवाट पैनल की लागत राशि वहन करना प्रस्तावित है।विभाग को ड्राफ्ट भेजा
ड्रॉफ्ट वित्त विभाग को भेजा है। लागत बतौर सब्सिडी देने पर विचार है। इसमें केन्द्र की सब्सिडी के बाद अंतर राशि राज्य सरकार वहन करने का वित्तीय प्रबंधन होगा।हीरालाल नागर, ऊर्जा मंत्री