रात को ही काफी लोग इस चक्कर से बचने के लिए वहीं सड़कों पर सो गए थे। फिर देर रात भगदड़ मच ही गई। संगम तट के नजदीक गंगा तट समेत और भी कई तट हैं लेकिन तमाम लोग संगम तट पर ही जाकर स्नान करने की होड़ में थे। दरअसल संगम तट पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदी का संगम होता है। तीनों की पवित्र नदियां हैं। इसी कारण इसे संगत तट कहा जाता है। यहां के जल में स्नान करने और इसे घर ले जाने की होड़ रहती है।
प्रशासन के तमाम इंतजाम के चलते भी इस तरह का बड़ा हादसा हो गया। इस हादसे के बाद संगम तट पर मौजूद लोगों को और तटों की ओर भेजा जाने लगा….। वहां पर प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी पहुंचे। बड़ी संख्या में सरकार के लोग भी वहां मौजूद थे।
संवाददाता रतन दवे ने जैसा बताया….