दरअसल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर से पीक ऑवर्स में बिजली की मांग को देखते हुए बिजली के आवंटन में बढ़ोतरी करने की जरूरत जताई। इस पर केंद्रीय मंत्री ने आश्वस्त किया कि जल्द ही सकारात्मक परिणाम मिलेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द ही केंद्र से राजस्थान को अतिरिक्त बिजली मिल सकती है।
सीएम भजनलाल ने इनके लिए भी केन्द्र से मांगा सहयोग
-पावर ग्रिड की ट्रांसमिशन लाइनों का दायरा फैले, ताकि नए प्रोजेक्ट लगाने वालों को बिजली सप्लाई में दिक्कत नहीं आए।
-गर्मियों में 1000 मेगावाट बिजली का अतिरिक्त आवंटन।
-बैटरी स्टोरेज के लिए 5000 मेगावाट का अतिरिक्त आवंटन।
-ग्रीन एनर्जी कोरिडोर में प्रस्तावित 27000 हजार करोड़ की योजनाओं की स्वीकृति।
-कालीसिंध पावर प्रोजेक्ट में 800 मेगावाट क्षमता की एक नई इकाई और छबड़ा में 660-660 मेगावाट की दो नई इकाई निर्माण में सहयोग। प्रदेश के बिजली तंत्र की समीक्षा
केन्द्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मंगलवार को जयपुर में सीएम आवास पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की मौजूदगी में प्रदेश के बिजली तंत्र और शहरी विकास के काम की समीक्षा की। खट्टर ने अक्षय ऊर्जा में प्रदेश की परफॉर्मेंस की तारीफ की, लेकिन केन्द्र सरकार के सहयोग से संचालित प्रोजेक्ट्स को गति देने की जरूरत भी जता दी। उन्होंने पम्प और बैटरी स्टोरेज को बढ़ाने के लिए कहा, ताकि बिजली को स्टोर करके उसे जरूरत के समय उपयोग किया जा सके। मंत्री ने पीएम सूर्यघर योजना में तेजी से आगे बढ़ने पर प्रसन्नता जताई। बैठक में ऊर्जा विभाग, बिजली कंपनी, नगरीय विकास विभाग के आला अधिकारी मौजूद रहे।
‘लो टैरिफ’ स्लैब पूछा तो अटक गए अफसर
मंत्री ने ऊर्जा विभाग के अफसरों से पूछा कि घरेलू श्रेणी में सबसे ‘लो टैरिफ’ स्लैब क्या है? अफसर तत्काल जवाब नहीं दे पाए। इस पर खट्टर ने कटाक्ष भरे अंदाज में कहा कि- ‘अफसरों के टैरिफ स्ट्रक्चर टिप्स पर होना चाहिए। टैरिफ जैसे संवेदनशील आंकड़ों के प्रति गंभीरता नहीं है, तभी तो अधिकांश डिस्कॉम घाटे में चल रहे हैं।’ हालांकि, कुछ क्षण बाद ही अफसर ने डेटा बताए।