चारों दिशाओं से जुड़ा जैसलमेर
चार प्रमुख शहरों तक अब जैसलमेर की सीधी पहुंच हो गई है। इन ट्रेनों के शुरू होने से जयपुर, दिल्ली, अहमदाबाद, सूरत, मुंबई, हैदराबाद, कोलकाता और बेंगलुरू सहित दर्जनों बड़े शहरों तक जैसलमेर सीधा रेलमार्ग से जुड़ गया है। इससे पर्यटन में भारी वृद्धि हुई और व्यापार को नया संजीवनी मिला है।
जैसलमेर को लाभ ही लाभ
-सीधी रेल सेवा के कारण जैसलमेर आने वाले पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। पहले जो लोग ट्रेनों की कमी के कारण नहीं आ पाते थे, वे अब बड़ी संख्या में जैसलमेर पहुंच रहे हैं। - जैसलमेर का पीला पत्थर, हस्तशिल्प और ऊनी वस्त्र अब देशभर में आसानी से पहुंचने लगे, जिससे व्यापार को मजबूती मिली।
-सीमावर्ती जिले में तैनात जवानों के लिए अब लंबी दूरी की यात्रा अधिक सुगम हो गई।
- देशभर में बसे जैसलमेरवासी अब अपने शहर आसानी से आ-जा सकते हैं, जिससे यात्रा का समय और खर्च कम हुआ।
-अब जैसलमेर से देश के किसी भी कोने में जाना आसान हो गया, जिससे उच्च शिक्षा और धार्मिक यात्राओं में सुविधा मिली है।
अब तक की स्थिति और बदलाव
1970 में रेल सेवा शुरू होने के बावजूद जैसलमेर हमेशा रेल नेटवर्क में उपेक्षित बना रहा। रेल सेवाएं जोधपुर, जयपुर, बीकानेर और दिल्ली तक ही सीमित थीं। मुंबई और हावड़ा के लिए केवल साप्ताहिक ट्रेनें थीं, जो कोरोना काल में बंद कर दी गईं और फिर शुरू नहीं की गईं। अब केंद्र सरकार ने इस भूल को सुधारते हुए चार नई ट्रेनों का संचालन शुरू कर दिया, जिससे जैसलमेर की कनेक्टिविटी पूरी तरह बदल गई।
विशेषज्ञों की राय
लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए जैसलमेर हमेशा तरसता रहा, लेकिन अब यह इंतजार थम चुका है। ये ट्रेनें पर्यटन और व्यापार के लिए गेमचेंजर साबित हुईं। — कैलाश व्यास, पर्यटन विशेषज्ञ अब जैसलमेर देश के किसी भी शहर से पीछे नहीं रहा। यह प्रगति की नई राह पर अग्रसर है।