रामगढ़ में किया अंतिम संस्कार
रामगढ़ क्षेत्र में रहने वाले रिश्तेदारों ने दोनों का अंतिम संस्कार किया। उन्हें भील समाज के श्मशान स्थल पर दफनाया गया है। सीमांत लोक संगठन के दिलीपसिंह ने बताया कि पाकिस्तान के सीमावर्ती गांवों में बड़ी संख्या में हिंदू परिवार रहते हैं, जो भारत में बसना चाहते हैं, लेकिन धार्मिक वीजा पाने में उन्हें बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए वीजा प्रक्रिया सरल की जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
मामले की जांच जारी
युवक-युवती के शव बरामद होने के मामले में मृग दर्ज किया गया है और जांच जारी है। दोनों शवों से विसरा व डीएनए सैंपल लिए गए हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद अंतिम रिपोर्ट सबमिट कर दी जाएगी। दोनों शवों का अंतिम संस्कार करवाया जा चुका है। - सुधीर चौधरी, पुलिस अधीक्षक, जैसलमेर
क्या होता है धार्मिक वीजा
पाकिस्तान से भारत आने वाले वहां के लोगों को दो तरह के वीजा मिलते हैं, पहला विजिट वीजा और दूसरा धार्मिक वीजा। विजिट वीजा लेने के लिए व्यक्ति को भारत में नजदीकी रिश्तेदार के होने की जानकारी देनी होती है जबकि धार्मिक वीजा में ऐसी बाध्यता नहीं होती। यही कारण है कि वहां से अधिकांशत: हिंदू नागरिक धार्मिक वीजा पर भारत आते हैं। वे हरिद्वार, काशी आदि अहम धार्मिक स्थलों की यात्रा का हवाला देते हैं। यहां आने के बाद भारत सरकार से लॉन्ग टर्म वीजा के लिए भी कई लोग आवेदन करते हैं।