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जैसलमेर

धार्मिक वीजा नहीं मिला, पति-पत्नी 50 किमी पैदल चल भारत आए, लेकिन प्यास और गर्मी से टूट गया दम

बेहतर जिंदगी जीने और धार्मिक आजादी की चाह में पाकिस्तान के घोटकी जिले से निकले 17 वर्षीय रवि कुमार और उसकी 15 वर्षीय पत्नी शांति बाई की थार के रेगिस्तान में मौत हो गई।

जैसलमेरJul 02, 2025 / 08:34 pm

Deepak Vyas

बेहतर जिंदगी जीने और धार्मिक आजादी की चाह में पाकिस्तान के घोटकी जिले से निकले 17 वर्षीय रवि कुमार और उसकी 15 वर्षीय पत्नी शांति बाई की थार के रेगिस्तान में मौत हो गई। बताया जा रहा है कि रवि बीते डेढ़ वर्ष से भारत का धार्मिक वीजा पाने के लिए आवेदन कर रहा था, लेकिन अस्वीकृति मिलने के बाद उसने सीमा पार करने का दुस्साहस किया। वह पत्नी को साथ लेकर 50 किलोमीटर का रेतीला रास्ता पैदल तय करते हुए जैसलमेर सीमा में दाखिल हो गया, लेकिन भीषण गर्मी और पानी की कमी ने दोनों की जान ले ली। दोनों के शव जैसलमेर के साधेवाला क्षेत्र में तारबंदी से करीब 12 किलोमीटर अंदर एक निर्जन स्थान पर मिले। पास मिले पाकिस्तानी पहचान पत्रों से उनकी शिनाख्त हुई। दस्तावेज के अनुसार रवि का जन्म 3 जनवरी 2008 और शांति का जन्म 30 जुलाई 2010 को हुआ था। पहचान पत्रों के पीछे उर्दू में कुछ पंक्तियां भी लिखी थीं।
जानकारी के मुताबिक दोनों ने 21 जून को घर छोड़ा था। अगले ही दिन उनके परिजनों ने पाकिस्तान में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। अनुमान है कि रवि मोटरसाइकिल से मुख्य रास्ता पार कर रेगिस्तानी हिस्से में पैदल आगे बढ़ा। तापमान 45 डिग्री से ऊपर होने के कारण वह और उसकी पत्नी प्यास और गर्मी नहीं सह सके।

रामगढ़ में किया अंतिम संस्कार

रामगढ़ क्षेत्र में रहने वाले रिश्तेदारों ने दोनों का अंतिम संस्कार किया। उन्हें भील समाज के श्मशान स्थल पर दफनाया गया है। सीमांत लोक संगठन के दिलीपसिंह ने बताया कि पाकिस्तान के सीमावर्ती गांवों में बड़ी संख्या में हिंदू परिवार रहते हैं, जो भारत में बसना चाहते हैं, लेकिन धार्मिक वीजा पाने में उन्हें बार-बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग की कि धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए वीजा प्रक्रिया सरल की जाए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

मामले की जांच जारी

युवक-युवती के शव बरामद होने के मामले में मृग दर्ज किया गया है और जांच जारी है। दोनों शवों से विसरा व डीएनए सैंपल लिए गए हैं। उनकी रिपोर्ट आने के बाद अंतिम रिपोर्ट सबमिट कर दी जाएगी। दोनों शवों का अंतिम संस्कार करवाया जा चुका है।
  • सुधीर चौधरी, पुलिस अधीक्षक, जैसलमेर

क्या होता है धार्मिक वीजा

पाकिस्तान से भारत आने वाले वहां के लोगों को दो तरह के वीजा मिलते हैं, पहला विजिट वीजा और दूसरा धार्मिक वीजा। विजिट वीजा लेने के लिए व्यक्ति को भारत में नजदीकी रिश्तेदार के होने की जानकारी देनी होती है जबकि धार्मिक वीजा में ऐसी बाध्यता नहीं होती। यही कारण है कि वहां से अधिकांशत: हिंदू नागरिक धार्मिक वीजा पर भारत आते हैं। वे हरिद्वार, काशी आदि अहम धार्मिक स्थलों की यात्रा का हवाला देते हैं। यहां आने के बाद भारत सरकार से लॉन्ग टर्म वीजा के लिए भी कई लोग आवेदन करते हैं।

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