ये थे आरोप, जो एसीबी की कार्रवाई के आधार बने
तत्कालीन एमडी केके मीणा ने 2021 से 2023 के कार्यकाल में सहकारी समितियों के 100 से अधिक कार्मिकों की स्क्रीनिंग करके नियमितीकरण कर दिया था, जबकि इस पर हाईकोर्ट की रोक थी। आरोप था कि इनमें से 80 से अधिक कार्मिक अपात्र थे। एसीबी के पास शिकायत थी कि 100 व्यवस्थापकों के नियमितीकरण के नाम पर लाखों रुपए की रिश्वत की राशि ली गई। इसका ऑनलाइन ट्रांजेक्शन खातों में पाया गया।इस तरह से हुआ था ट्रांजेक्शन
जसाराम के जालोर सीसीबी की सायंकालीन शाखा के खाते में 35 बार में 23 लाख रुपए से अधिक, वहीं जालोर मुख्य शाखा में 3 बार में 2 लाख 60 हजार रुपए से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ। इसी तरह उसके बेटे प्रवीण की सीसीबी सायंकालीन शाखा के खाते से 12 बार में 13 लाख 79 हजार रुपए अलग अलग खातों में जमा किए गए।रामेश्वरलाल, एएसपी, एसीबी सिरोही