खुलेआम नकल कराने का ऐसा ही मामला पामगढ़ विकासखंड में सामने आया है। यहां दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए विद्या निकेतन उमावि पामगढ़ को परीक्षा सेंटर बनाया गया है। जहां शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल राहौद के प्राचार्य के पद पर पदस्थ पीएल कौशिक को केन्द्राध्यक्ष और अन्य सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को पर्यवेक्षकों बनाकर ड्यूटी लगाई गई है। जहां केन्द्राध्यक्ष और पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में बच्चों को नकल कराया जा रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण स्कूल परिसर के अंदर और खिड़की के आसपास फैले गाइड-कुंजी की करतन है जिससे पूरा परिसर भरा हुआ है।
बच्चों को खुलेआम नकल कराने की शिकायत मिलने पर पत्रिका की टीम मंगलवार को करीब डेढ़ बजे के बाद विद्यालय पहुंची तो यहां का नजारा देखकर दंग रह गई। बरामदे से लेकर स्कूल के पीछे खिड़की के पास नकल के पर्चे बड़ी मात्रा में फेंके गए थे। जो खुलेआम नकल कराने की तस्वीर बयां कर रहे थे। छात्रों के द्वारा खुलेआम नकल करते पत्रिका के पास फोटो-वीडियो भी मौजूद हैं। सूत्रों की माने तो छात्रों को
परीक्षा में नकल कराने के एवज में पैसे लेने का आरोप भी लग रहा है। प्रति छात्र 300 से 500 रुपए तक लेकर छात्रों को खुलेआम नकल कराने छूट दिए जाने की बात भी सामने आ रही है।
जबकि … परीक्षा सेंटर बंद कराने प्रबंधन लिख चुका है चिट्ठी
बता दें, इस स्थिति को दिखते हुए स्कूल प्रबंधन और विद्यालय समिति अपने विद्यालय को सेंटर नहीं बनाने के लिए बकायदा लिखित में संभागीय अधिकारी बिलासपुर को 7 मार्च 25 को चिट्ठी भी लिख चुका है। लेकिन इसके बावजूद स्थानीय शिक्षा विभाग के अधिकारियों के द्वारा जानबूझकर विद्या निकेतन उमावि पामगढ़ को अधिग्रहित सेंटर बना रहा है ताकि नकल का खेल चलाया जा सके।
बोर्ड एग्जाम के लिए विद्या निकेतन उमावि पामगढ़ को सेंटर बनाया गया है जहां इस तरह सामूहिक नकल होने से विद्यालय का नाम खराब हो रहा है जबकि बोर्ड एग्जाम संचालन करने में न तो विद्या निकेतन उमावि पामगढ़ प्रबंधन की कोई भूमिका है और न ही स्कूल के किसी टीचर्स की ड्यूटी लगी है और न ही इस विद्यालय के दसवीं-बारहवीं के छात्र यहां परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। यहां बोर्ड एग्जाम कराने का पूरा जिम्मा सरकारी स्कूल के शिक्षकों का हाथों में है और उनकी शह पर सामूहिक नकल हो रहा है। लेकिन छबि निजी स्कूल प्रबंधन की धूमिल हो रही है।
उत्कृष्ट जांजगीर बनाने का यही खेल तो नहीं!
इस बार बोर्ड एग्जाम में रिजल्ट सुधारने को लेकर जिला प्रशासन उत्कृष्ट जांजगीर अभियान चलाया जा रहा है। शिक्षा विभाग पर रिजल्ट बेहतर लाने भारी दबाव है। इधर जिस तरह से सामूहिक नकल के मामले सामने आ रहे हैं इसके बावजूद भी जिले में एक भी नकल प्रकरण कहीं दर्ज नहीं हो रहा है जो कहीं न कहीं इस बात की ओर ईशारा कर रहा है कि नकल के दम पर ही बोर्ड एग्जाम में जिले का रिजल्ट बेहतर बनाने का खेल खेला जा रहा है। यहां किसी भी तरह से नकल नहीं हो रहा है। परीक्षा हो जाने के बाद परिसर में या बाहर में कोई क्या कागज फेंकता है, हम क्या कर सकते हैं। कोई कुछ भी आरोप लगा सकता है। पूरी परीक्षा में कहीं नकल नहीं हो रहा है। – पीएल कौशिक, केन्द्राध्यक्ष, विद्या निकेतन उमावि पामगढ़ सेंटर