इस वीडियो में ट्रैक्टर मालिक और स्थानीय ग्रामीणों के बीच हो रही बातचीत के दौरान यह साफ तौर पर सामने आया है कि आरक्षक चंद्रहास लहरे अवैध रेत परिवहन करने वाले ट्रैक्टर चालकों से खुलेआम पैसे वसूली करता है। वायरल वीडियो में स्थानीय लोग बताते सुने जा रहे हैं कि जब तक लहरे को पैसा नहीं दिया जाता तब तक ट्रैक्टर आगे नहीं बढ़ सकता।
यह बयान इस बात की पुष्टि करता है कि क्षेत्र में रेत माफिया और पुलिस के बीच चोली दामन का साथ है। आरोप है कि उक्त आरक्षक द्वारा अवैध रेत परिवहन को लेकर बाकायदा अपनी दर तय कर रखी है जो प्रति ट्रैक्टर वसूली जाती है। यह पूरी गतिविधि पुलिस की जानकारी में चल रही है या नहीं इस पर थाना प्रभारी की चुप्पी और भी संदेह पैदा कर रहा है।
ग्रामीणों का फूटा गुस्सा, कार्रवाई की मांग
वीडियो वायरल होने के बाद से ग्रामीणों और जनप्रतिनिधियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि समय रहते ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं की गई तो जनता का पुलिस से भरोसा उठ जाएगा। उन्होंने मांग की है कि
आरक्षक लहरे को तत्काल निलंबित कर निष्पक्ष जांच की जाए। अब बड़ा सवाल ये है क्या पुलिस विभाग अपनी छवि बचाने के लिए कठोर कदम उठाएगी या मामला रफा दफा कर दिया जाएगा। फिलहाल मामले की शिकायत एसपी से की गई है। एसपी विजय पांडेय ने जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की बात कही है।