इससे हर व्यवसाय पर बेहतर ध्यान दिया जा सकेगा और वे तेजी से बढ़ पाएंगे। बदलाव की इस योजना की विस्तृत जानकारी देते हुए अग्रवाल ने कहा कि वेदांता की मजबूत आर्थिक स्थिति, शेयरधारकों को मिला रिकॉर्ड रिटर्न और महत्वपूर्ण खनिजों व ऊर्जा संक्रमण धातुओं का बढ़ता पोर्टफोलियो भारत की आर्थिक और ऊर्जा संबंधी लक्ष्यों से जुड़े हैं।
डाइवर्सिफिकेशन के जरिए वेदांता मौजूदा कारोबार पर ध्यान देने के साथ ही नए क्षेत्रों में कदम रखेगी। कंपनी की योजना महत्वपूर्ण खनिजों, दुर्लभ धातुओं (रेअर अर्थ), ऊर्जा संक्रमण धातुओं, बिजली, ऊर्जा और टेक्नोलॉजी जैसे क्षेत्रों में निवेश से अपना कारोबार बढ़ाने की है। इससे कंपनी की आय के स्रोत में वृद्धि होगी और विकास के नए रास्ते खुलेंगे। डीलीवरेजिंग से कंपनी अपनी वित्तीय स्थिति को और मजबूत करने के लिए कर्ज कम करने पर ध्यान देगी। इससे कंपनी को भविष्य के निवेश और विकास के लिए अधिक मजबूती मिलेगी।
भारत के लक्ष्यों से जुड़ा वेदांता का विकास वेदांता की विकास योजना भारत की आर्थिक और ऊर्जा जरूरतों से जुड़ी हुई है। कंपनी की योजना भारत की पहली औद्योगिक जिंक और एल्यूमीनियम पार्क स्थापित करने की है। इसके साथ ही वेदांता ने 1000 डीप-टेक स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने की घोषणा की है जिससे भारत के टेक्नोलॉजी सेक्टर को गति मिलेगी। कंपनी ने मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, शेयरधारकों को रिकॉर्ड रिटर्न और महत्वपूर्ण खनिजों के बढ़ते पोर्टफोलियो के साथ यह नई रणनीति बनाई है।
अग्रवाल ने इस बात पर बल दिया कि दुनिया रिसोर्स नेशनलिज्म देख रही है। उन्होंने भारत के आर्थिक भविष्य के लिए प्राकृतिक संसाधनों की केंद्रीय भूमिका और उनके महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि खासकर इलेक्ट्रिक वाहन और रिन्यूएबल एनर्जी जैसी ऊर्जा परिवर्तन तकनीकों के साथ डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए खनिज संसाधन अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।
अग्रवाल ने कहा कि भारत की भूवैज्ञानिक बनावट कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे संसाधन-समृद्ध देशों के समान है लेकिन भारत में केवल 25 प्रतिशत ही खोजबीन हुई है। उन्होंने बताया कि महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में तेजी से विकास का यह सही समय है।
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ विकास की नहीं बल्कि भारत की आकांक्षाओं को साकार करने की योजना है। हम विकसित भारत की जरूरतों के साथ पूरी तरह से जुड़े हुए हैं। वेदांता इस बड़े बदलाव का नेतृत्व करने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार है। कंपनी ने भारत में 10 महत्वपूर्ण खनिज ब्लॉक हासिल किए हैं जो किसी भी निजी क्षेत्र की कंपनी द्वारा सबसे अधिक हैं। यह वेदांता को महत्वपूर्ण खनिजों, ऊर्जा परिवर्तन धातुओं, ऊर्जा और प्रौद्योगिकी से जुड़ी एक बड़ी कंपनी में बदलने की उसकी कोशिशों को और मजबूत करता है।
वेदांता दुनिया का पहला औद्योगिक जिंक पार्क और भारत का सबसे बड़ा एल्यूमिनियम पार्क भी स्थापित कर रही है। इनका उद्देश्य हजारों एमएसएमई को बढ़ावा देना और रोजगार के लाखों अवसर पैदा करना है जो भारत में धातु क्रांति की शुरुआत का प्रतीक होगा।
वार्षिक आम सभा की एक अहम बात कंपनी की डीमर्जर योजना रही। 99.5 प्रतिशत से अधिक शेयरधारकों और लेनदारों की मंजूरी के साथ वेदांता अपने वैल्यू-अनलॉक प्रस्ताव को लागू करने के उन्नत चरणों में है। इसके एक बार पूरा होने पर शेयरधारकों को चार नई विभाजित इकाइयों में से प्रत्येक में शेयर मिलेंगे।
वेदांता चेयरमैन अग्रवाल ने कहा कि हर व्यवसाय को एक नया फोकस, नए निवेशक और अपनी पूरी क्षमता हासिल करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा। अपनी लंबी अवधि की रणनीति के तहत वेदांता भविष्य के औद्योगिक दिग्गजों को भी तैयार कर रही है। कंपनी ने डीप टेक क्षेत्र में 1000 स्टार्टअप्स के साथ साझेदारी करने की योजनाओं की घोषणा कीहै। यह मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भारत के सबसे बड़े औद्योगिक इनक्यूबेटर प्लेटफॉर्म में से एक बनने वाला है। इन पहलों का लक्ष्य कंपनी के संचालन को भविष्य के लिए तैयार करना और भारत की आत्मनिर्भरता व आर्थिक नेतृत्व के व्यापक लक्ष्यों का समर्थन करना है।
अग्रवाल ने स्थिरता, प्रौद्योगिकी और सामाजिक विकास के प्रति कंपनी की प्रतिबद्धता को भी दोहराया। हिंदुस्तान जिंक को वैश्विक धातु और खनन क्षेत्र में पहला स्थान मिला है जबकि वेदांता एल्यूमिनियम एसएंडपी ग्लोबल कॉर्पोरेट सस्टेनेबिलिटी असेसमेंट 2024 में एल्यूमिनियम श्रेणी में दूसरे स्थान पर है। कंपनी वर्ष 2050 तक नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसकी प्रमुख सामाजिक प्रभाव पहल नंद घर 15 राज्यों में 8,500 केंद्रों को पार कर चुकी है। इसके जरिए कंपनी बाल विकास और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान कर रही है।
अग्रवाल ने भारत में विश्वस्तरीय शिक्षा संस्थान स्थापित करने के अपने जीवन भर के सपने के बारे में बताते हुए कहा कि यह हमारी कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी पहलों का एक और स्तंभ होगा। वेदांता यूनिवर्सिटी हार्वर्ड जैसे संस्थानों से प्रेरित एक विश्वस्तरीय संस्थान होगी। यह न केवल भारत में वैश्विक स्तर के अनुसंधान और शिक्षा को प्रोत्साहित करेगी, बल्कि वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और नेतृत्वकर्ताओं की अगली पीढ़ी को घर पर ही तैयार करने में मदद करेगी।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में वेदांता का प्रदर्शन काफी मजबूत रहा। कंपनी का राजस्व 1,50,725 करोड़ रुपए और एबिटा 43,541 करोड़ रुपए रहा। यह निफ्टी 100 में शीर्ष संपत्ति निर्माताओं में से एक बनकर उभरी जिसने शेयरधारकों को कुल 87 प्रतिशत का रिटर्न दिया।
हिन्दुस्तान जिंक 12,000 करोड़ रुपए के निवेश से 2.5 लाख टन का एकीकृत स्मेल्टिंग कॉम्प्लेक्स स्थापित कर रहा है। तेल एवं गैस क्षेत्र में केयर्न ने सात नए ओएएलपी ब्लॉक प्राप्त किए हैं और इसका लक्ष्य उत्पादन को दोगुना कर प्रति दिन 3 लाख बैरल करना है। एल्यूमिनियम उत्पादन की क्षमता 31 लाख टन तक बढ़ाया जा रहा है साथ ही 30 लाख टन के नए ग्रीनफील्ड स्मेल्टर स्थापना की योजना है।
आमसभा में अग्रवाल ने वेदांता के एक लाख कर्मचारियों के मजबूत योगदान की सराहना करते हुए धन्यवाद दिया। उन्होंने बताया कि कंपनी के 22 प्रतिशत कर्मचारी और 28 प्रतिशत नेतृत्वकारी पदों पर महिलाएं हैं। वर्ष 2030 तक महिला प्रतिनिधित्व के स्तर को 30 प्रतिशत तक ले जाना कंपनी का लक्ष्य है।