करप्शन और भ्रष्टाचार को रोकने लगातार केन्द्र सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। फिर रिश्वतखोरी थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऐसा नहीं है कि इस समस्या के समाधान पर कभी बात नहीं हुई, या फिर सरकारों ने इसके लिए सती भरे कदम नहीं उठाए, फिर भी जिस तरह से हर बार ये परेशानी अपना सिर उठा लेती है, ये तो तय है कि अब तक हुए हर समाधान इसे खत्म करने के लिए नाकाफी है और ये समस्या इतने सालों से देश को लगातार खोखला ही कर रही है।
ये समस्या है रिश्वतखोरी और
भ्रष्टाचार… इसके खिलाफ सरकारों, सरकारी विभागों, सरकारी एजेंसियों को जगाना बेहद जरूरी है। इसके लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे, ताकी करप्शन पर रोक लगाई जा सके। इसके लिए सभी ऑफिस में ऑनलाइन कार्य संपादित करने के निर्देश दिए गए। इसके बावजूद रिश्वतेखारी कोर्ट, कचहरी, अस्पताल सहित सभी जगह आज भी जस की तस स्थिति नहीं हुई है।
शुक्रवार को एंटी करप्शन ब्यूरो
बिलासपुर ने बड़ी कार्रवाई की है। जांजगीर चांपा जिला हथकरघा विभाग के वरिष्ठ निरीक्षक हरेकृष्ण चौहान को बुनकर समिति से 50 हजार रुपए घुस लेते रंगे हाथ पकड़ा है। आरोपी हरे कृष्ण चौहान के खिलाफ धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के तहत कार्रवाई की गई। एसीबी की टीम ने गिरतार कर न्यायिक रिमांड में भेजा गया। जहां आगे की कार्रवाई की जाएगी। एसीबी की इस कार्रवाई से विभागीय अफसरों में हड़कंप मचा रहा। तो वहीं लोग हैरत में रहे।
धागा चोरी मामले की जांच कर रहा था रिश्वत का आरोपी अधिकारी
शिकायतकर्ता महेन्द्र देवांगन ने बताया कि वरिष्ठ निरीक्षक को राज्य हाथकरघा विभाग में हुए करोड़ों की धागा चोरी के मामले में जांच अधिकारी नियुक्त किया गया था। जिसमें खोखरा के दो समिति और मिसदा गांव के एक समिति का जांच करने के निर्देश दिए थे। इस जांच में बचाने के एवज में बुनकर समितियों से 2 लाख रुपए की मांग की गई थी।
हालांकि बाद में 1 लाख 70 हजार रुपए में सौदा हो गया था। पहले किश्त में 50 हजार रुपए देने की बात कही गई थी। जिसकी शिकायत एसीबी से की गई और एसीबी ने आरोप की सत्यता परखने पहले शिकायतकर्ता से सबूत मांग की गई। इसके बाद सबूत मिलने पर एसीबी की टीम ने शुक्रवार को रंगे हाथ पकड़ने का प्लान बनाया। इसके तहत शिकायतकर्ता को 50 हजार रुपए केमिकल युक्त नोट दिया गया। शिकायकर्ता प्लान के हिसाब से 50 हजार रुपए लेकर पहुंचे। एसीबी की टीम ने रंगे हाथ वरिष्ठ निरीक्षक हरे कृष्ण चौहान को 50 हजार लेते धर दबोचा।
6 माह पहले पटवारी ने मांगी थी 3500 रुपए की रिश्वत
जांजगीर चांपा जिले में रिश्वतखोरी का यह कोई पहला केस सामने नहीं आया है। इसके पहले जून 2024 में पामगढ़ ब्लाक के पनगांव का पटवारी विजय लहरे एक किसान से जमीन का नक्शा कटवाने के नाम से 3500 रुपए रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो के हत्थे चढ़ा था। इसी तरह मार्च 2020 में सीएमएचओ दतर का लिपिक भरत लाल साहू 1500 रुपए की रिश्वत लेते एसीबी ने रंगे हाथों कपड़ा। कर्मचारी से समयमान वेतन के दस्तावेजों में त्रुटिवश गड़बड़ी हो गई थी। जिसे सुधार करने के लिए रिश्वत मांग की गई थी। जिले की 3 बुनकर समितियों की बुनाई सहित कार्य पर लगी रोक के लिए राज्य कार्यालय से रिपोर्ट मांगी की गई थी। रिपोर्ट भेजने समिति से 1 लाख 75 हजार रुपए की मांग की थी। 50 हजार रुपए की पहली किश्त लेते वरिष्ठ निरीक्षक को रंगे हाथ पकड़ लिया गया। न्यायिक रिमांड पर भेजा जा रहा है। – अजितेश सिंह, डीएसपी, एंटी करप्शन ब्यूरो