इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि विकास की मुख्य धारा से जुड़ कर समर्पण करने वाले नक्सलियों को पुनर्वास योजना के तहत विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा नक्सली समस्या का नियत तिथि तक उन्मूलन के लिए हमारे जवान काफी सक्रियता से नक्सलियों का खात्मा कर रहे हैं।
दी कई सौगात
सीएम साय ने शुक्रवार को जशपुर जिले का बगीचा में महाकुल यादव समाज सेवा समिति के द्वारा आयोजित श्री हरि अखंड संकीर्तन नाम यज्ञ चौबीस प्रहरी कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पूजा स्थल में राधा कृष्ण, चौतन्य महाप्रभु, गौरांग स्वामी की पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की। मुख्यमंत्री ने पूरे भक्तिभाव से हरे कृष्ण, हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम का नाम जाप करते हुए पूजा स्थल का परिक्रमा भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने महाकुल यादव समाज बगीचा के वृंदावन भवन के विस्तार के लिए 50 लाख रुपए देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि बगीचा में इंडोर स्टेडियम के निर्माण हेतु पूर्व में की गई घोषणा के अनुरूप शासन द्वारा 2 करोड़ 75 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। साथ ही बगीचा नगर पंचायत क्षेत्र में मंगल भवन के निर्माण के लिए भी एक करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। इन दोनों कार्यों की शुरुआत शीघ्र ही की जाएगी।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि महाकुल यादव समाज द्वारा सनातन संस्कृति और परंपराओं को जीवित रखते हुए लोगों में अलख जगाने का कार्य हमेशा से ही किया जा रहा है। यादव समाज सदैव ही गौवंश का रक्षक और पालक रहा है। इसी संस्कृति को संरक्षित रखते हुए शासन द्वारा राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के साथ मिलकर गौवंश की अभिवृद्धि के लिए गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वालों को अच्छी किस्म की दुधारू गायों का वितरण करने की योजना बनाई जा रही है।
31 मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के लिए सरकार प्रतिबद्ध
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बताया कि गृहमंत्री अमित शाह की घोषणा के अनुसार 31 मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के लिए शासन द्वारा प्रतिबद्ध होकर वृहद अभियान चलाया जा रहा है। छत्तीसगढ़ में पर्यटन की अपार संभावनाओं को देखते हुए पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है। इसके साथ ही उद्योगों के विकास के लिए नवीन औद्योगिक नीति प्रारम्भ की गई है। जिससे कई बड़े बड़े निवेशक सब अपने कारखाने लगाने के लिए छत्तीसगढ़ में निवेश कर रहे हैं। राज्य में लघु वनोत्पादों के प्रसंस्करण कर मूल्यवर्धन का कार्य भी किया जा रहा है।