इन दिनों लहसुन के दाम अर्श से फर्श पर आ गए हैं। इससे क्षेत्र के किसानों व व्यापारियों को इसका भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। ऐसे में अगली फसल आने तक व्यापारियों ने मंडी में लहसुन की खरीद स्थगित कर दी है। खानपुर लहसुन मंडी में मंगलवार को कुछ किसानों का लहसुन एक रुपए किलो तक बिक गया। व्यापारियों ने बताया कि पुराने लहसुन की आगे से मांग लगभग समाप्त हो गई है। मंगलवार को कुछ किसानों का हल्का लहसुन आया तो व्यापारियों ने लेने से इनकार कर दिया। बाद में किसान इस लहसुन को एक रुपए किलो में ही बेच गए। यह चार से पांच किसानों का करीब पांच क्विंटल लहसुन था।
जानकारी के अनुसार 2 माह पूर्व मंडी में 30 से 35 हजार रुपए प्रति क्विंटल बिकने वाला लहसुन इन दिनों 5 से 10 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बिक रहा है। इसका प्रमुख कारण चीन से आने वाला लहसुन है जो अफगानिस्तान की सीमा से चोरी छिपे भारत आ रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा इस पर प्रभावी रोक नहीं लगाने के कारण देश के लहसुन व्यापारी इन दिनों बर्बाद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। लगातार भावों में गिरावट के चलते मण्डी में आवक कम होने के साथ ही लहसुन व्यापारियों ने मण्डी सचिव को पत्र लिखकर 29 जनवरी से अनिश्चितकालीन नीलामी बन्द करने का निर्णय लिया है। ऐसे में बुधवार से मण्डी में अगली फसल आने तक लहसुन की पूर्ण रूप से खरीद बन्द रहेगी।
किसानों व व्यापारियों में मायूसी
2 माह पूर्व लहसुन के भाव रिकार्ड स्तर पर होने से लक्जरी कारों व एसयूवी वाहनों में भरकर मण्डी में बिकने आ रहा था। इससे किसानों व व्यापारियो को अच्छा मुनाफा होने से वारे न्यारे हो रहे थे। लेकिन 2 माह में ही भाव औंधे मुंह गिरकर अर्श से फर्श पर आ जाने से किसानों व व्यापारियों में मायूसी पसरी हुई है।
घरों और गोदामों में भरा है
भावों में तेजी की आस के चलते उपखंड क्षेत्र में सैकड़ों की संख्या में किसानों के पास अब भी हजारों क्विंटल लहसुन घरों और गोदामों में भरा पड़ा है। भाव जमीन पर आ आने के साथ मावठ व कोहरे से तापमान में गिरावट से लहसुन में नमी से वजन आधा रह जाने के साथ ही अंकुरित होकर खराब होने लगा है। जानकार सूत्रों ने बताया कि पहले लहसुन के भावो में बेतहाशा तेजी व बाद में भाव औंधे मुंह गिर जाने से व्यापारियों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है। लहसुन की आवक में कमी व भावों में एकसाथ गिरावट आने के कारण 95 फीसदी व्यापारियों को भारी नुकसान होने से आर्थिक स्थिति खराब हो गई है। लहसुन की नई फसल आने पर अगले वित्तीय वर्ष से मण्डी में नये सिरे से खरीद फरोख्त प्रारंभ की जाएगी।
बालचन्द नागर, अध्यक्ष, लहसुन व्यापार संघ