ये है नियम
नेत्र चिकित्सा विभाग के ओटी का 14 फरवरी को स्टेरलाइजेशन किया गया और 15 फरवरी को सैंपल लेकर माइक्रोबायोलॉजी विभाग की लैब में भेजे गए, जिसकी रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। नियमानुसार किसी भी ऑपरेशन थियेटर की रिपोर्ट तीन बार नेगेटिव नहीं आ जाती है, तब तक ऑपरेशन नहीं किए जा सकते हैं। फिर भी विभाग ने पहली रिपोर्ट का इंतजार किए बिना ही ऑपरेशन कर दिए। एचओडी का कहना है कि शनिवार व रविवार को अवकाश था, इसलिए रिपोर्ट नहीं मिली। जबकि ऑपरेशन थियेटर 48 घंटे के लिए स्टेरलाइज कर रखा था।
हां रिपोर्ट तो नहीं आई-
हां, रिपोर्ट तो नहीं आई, लेकिन हमने फोन पर पूछ लिया था। डॉ. हेमेंद्र पाराशर को जयपुर जाना था, इसलिए उन्होंने शनिवार को ही ऑपरेशन कर दिए। मैंने कहा था कि सोमवार को हम कर देंगे, लेकिन मरीज सभी सही हैं।
डॉ. एमएल गुप्ता, विभागाध्यक्ष नेत्ररोग विभाग, झालावाड़
संदेहास्पद है-
जयपुर जाने के लिए तो मैंने 15 दिन पहले ही सीएल का आवेदन कर रखा था। मरीजों के ऑपरेशन गुप्ता सर के कहने पर किया है। 15 फरवरी को सुबह 9 बजे सैंपल दिया था और 11 बजे ऑपरेशन किया। रिपोर्ट पॉजिटिव नहीं, संदेहास्पद थी। मरीजों के भले के लिए ऑपरेशन किए थे।
डॉ. हेमेन्द्र पाराशर, नेत्र रोग विशेषज्ञ, मेडिकल कॉलेज, झालावाड़