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झुंझुनू

कोर्ट ने सुनाई अनूठी सजा: 2 साल तक सरकारी अस्पताल में करनी होगी अवैतनिक साफ-सफाई, फर्श पर पोछा भी लगाना होगा

झुंझुनूं के बाल न्यायालय ने विधि से संघर्षरत दो बालकों को दो साल तक अस्पताल में साफ-सफाई का कार्य करने का आदेश दिया है। सेशन न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने यह निर्णय सुनाया।

झुंझुनूJan 30, 2025 / 12:49 pm

Santosh Trivedi

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झुंझुनूं/पत्रिका न्यूज नेटवर्क। झुंझुनूं के बाल न्यायालय ने विधि से संघर्षरत दो बालकों को दो साल तक अस्पताल में साफ-सफाई का कार्य करने का आदेश दिया है। इसके साथ ही न्यायालय ने दोनों पर दस-दस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। सेशन न्यायाधीश दीपा गुर्जर ने बालक ‘ए’ और ‘पी’ को हिंसा करने और कैंपर गाड़ी से टक्कर मारकर वैन को क्षतिग्रस्त करने के मामले में यह निर्णय सुनाया।
न्यायालय ने दोनों बालकों को आदेश दिया कि वे अगले दो वर्षों तक राजकीय चिकित्सालय के वार्ड, किचन और अन्य स्थानों पर अवैतनिक साफ-सफाई का कार्य करेंगे। इस दौरान उन्हें फर्श पर पोछा लगाने का काम भी सौंपा जाएगा। यह कार्य एक सप्ताह में कम से कम 30 घंटे का होगा। दोनों बालक यह कार्य सीएमएचओ के निर्देशन एवं देखरेख में करेंगे। इसकी रिपोर्ट हर तीन महीने में सीएमएचओ व परिवीक्षा अधिकारी को न्यायालय में पेश करनी होगी।

यह है मामला

मामला 7 मई 2020 का है। संदीप कुमार ने बगड़ थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि 2020-21 में ग्राम पंचायत प्रतापपुरा के शराब ठेके का लाइसेंस उसके नाम था। मुख्य दुकान झुंझुनूं रोड पर मठ बस स्टैंड के पास है। वह 7 मई 20 की सुबह रवींद्र व सैल्समेन मंजीत सिंह के साथ ठेके पर आया। जैसे ही दुकान खोली, वहां तीन बिना नंबरों की कैंपर गाड़ी आई।
इनमें बैठे लोगों ने आते ही उन तीनों पर जान से मारने की नियत से फायरिंग शुरू कर दी। फिर उन्होनें दुकान मे घुसकर कांउटर पर रखी शराब की बोतलों में तोड़फोड़ की तथा पिस्टल दिखाकर बिक्री के डेढ लाख रुपए भी ले गए।
वहा खड़ी वैन को टक्कर मारकर क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने मामले की जांच की और डकैती के आरोप में दोनों बालकों के खिलाफ आरोप पत्र किशोर न्याय बोर्ड में पेश किया। बाद में यह मामला न्यायालय में भेजा गया।

न्यायालय का निर्णय

राज्य सरकार की ओर से लोक अभियोजक भारत भूषण शर्मा ने पक्ष रखते हुए 25 गवाहों के बयान पेश किए। न्यायाधीश ने दोनों बालकों को डकैती के आरोप से बरी कर दिया, लेकिन उनके खिलाफ अन्य अपराधों को सिद्ध करते हुए उन्हें अस्पताल में साफ-सफाई का काम सौंपने का निर्णय लिया।
न्यायाधीश ने बालकों के सामुदायिक सेवा कार्य के साथ ही जुर्माना लगाने का आदेश दिया और दोनों को 10 फरवरी 2025 को परिवीक्षा अधिकारी और सीएमएचओ के समक्ष पेश होने के लिए कहा है। बालकों के सामुदायिक सेवा कार्य की रिपोर्ट हर तीन महीने में न्यायालय में पेश करनी होगी।

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