पुलिस के अनुसार शांति नाथ नगर में गणपति नगर निवासी सुनील माहेश्वरी की आडा बाजार में ज्वैलरी की दुकान है, जहां हॉलसेल रेट पर सोने-चांदी के जेवर बनाकर दुकानदारों को सप्लाई किए जाते हैं। गत वर्ष सितम्बर में अनजान व्यक्ति ने वाट्सऐप कॉल किया। खुद को धनराज सोनी बताकर उसने बात की और कहा कि मसूरिया के एक ज्वैलर ने उसके नम्बर दिए थे। खुद को भी सोने-चांदी का व्यवसायी बताकर उसने कहा कि वह उसे सस्ता सोना दिला सकता है। तब ज्वैलर ने उससे जोधपुर आकर सोने का सैम्पल दिखाने का आग्रह किया। सितम्बर के अंतिम माह में वह जोधपुर आया था। वह सरदारपुरा में चिल्ड्रन पार्क के पास मिला था, जहां उसे सौ ग्राम सोने का बिस्किट दिखाया था। जांच करने पर वह शुद्ध सोने का निकला। इससे ज्वैलर को उस पर भरोसा हो गया था। उसने पांच सौ ग्राम सोने का ऑर्डर दे दिया था। जिसके बदले 35 लाख रुपए देना तय हुआ था। आरोपी ने दो-तीन दिन में सोने की डिलीवरी देने का भरोसा दिलाया था।
दो-तीन बाद ठग ने ज्वैलर को फोन कर 35 लाख रुपए लेकर चिल्ड्रन पार्क के पास बुलाया। ज्वैलर अपने दो मित्रों को लेकर वहां पहुंचा। ठग भी एक अन्य युवक के साथ मौजूद मिला। उसने बैग की चेन खोलकर रुपए चेक किए और बदले में रुमाल में लिपटी प्लास्टिक की डिब्बियों में पीली धातु वाले सोने के पांच बिस्किट दे दिए। फिर पकड़े जाने का डर दिखाकर दोनों वहां से चले गए। ज्वैलर दुकान पर पहुंचा और पीली धातु वाले बिस्किट बाहर निकाले। जांच करने पर पांचों बििस्कट धातु के निकले।
ज्वैलर जयपुर पहुंचा, ठग नहीं मिला
ठगी का पता लगते ही ज्वैलर ने ठग के मोबाइल नम्बर पर कॉल किए, लेकिन कोई जवाब नहीं दिया। आखिरकार ठग ने कॉल उठाया तो ज्वैलर ने पुलिस कार्रवाई करने को चेताया। तब ठग ने एक अक्टूबर को जयपुर आकर रुपए ले जाने की जानकारी दी। ज्वैलर भी जयपुर पहुंचा, लेकिन ठग नहीं मिला। उसने मुम्बई जाने की जानकारी दी। ज्वैलर भी नौ अक्टूबर को मुम्बई पहुंचा, जहां तलाश के दौरान ठग तो नहीं मिला, लेकिन गोरे गांव पुल के पास ठग का साथी युवक दिखाई दिया। ज्वैलर ने उसका पीछा किया, लेकिन भीड़ में पकड़ा नहीं जा सका।