खास बात यह है कि वैभव की जीत से जेएनयू छात्र संघ में एबीवीपी को नौ वर्ष बाद एंट्री मिली है। चार भाई-बहन में सबसे छोटे वैभव मीणा वर्तमान में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के भाषा, साहित्य और संस्कृति संस्थान के भारतीय भाषा केंद्र में पीएचडी तृतीय वर्ष के शोध-छात्र हैं।
अनुसूचित जनजाति बाहुल्य क्षेत्र के गांव टोडूपुरा के किसान पृष्ठभूमि के परिवार के पले बढ़े वैभव की प्रारंभिक शिक्षा हिण्डौनसिटी के अभय विद्या मंदिर विद्यालय में हुई तथा महुवा के एक बोर्डिंग स्कूल से दसवीं कक्षा उत्तीर्ण करने के बाद जयपुर में पढ़ाई की। जयपुर के सेंट विल्फ्रेड कॉलेज से बीए करने के बाद काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से इन्होंने हिन्दी साहित्य में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की है। हिन्दी साहित्य से जे.आर. एफ. हैं। इन्होंने विभिन्न राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभागिता की है। एनएसएस का दो-वर्षीय कार्यक्रम पूर्ण किया हुआ है।
वैभव के पिता मानसिंह मीणा राजस्थान रोडवेज की हिण्डौन आगार से परिचालक पद से सेवानिवृत हैं। वे अब खेती व परचून की दुकान करते हैं। वहीं पत्नी उर्मिला देवी गृहिणी है। वैभव का बड़ा भाई नवनीत मीणा गांव काचरौली के निजी टीटी कॉलेज से बीएड कर रहा है। वहीं मझला भाई गौरव मीणा जयपुर में जॉब करता है।
बहन किरण मीणा जयपुर के एक चिकित्सालय में नर्सिंग ऑफीसर है। राष्ट्रीय आदिवासी मीणा महासभा के प्रदेश मीडिया प्रभारी हेमराज जगरबाड़ ने बताया कि वैभव के जेएनएयू छात्र संघ में संयुक्त सचिव चुने जाने से कटकड़ अट्ठाईसा क्षेत्र के गांवों में हर्ष है।
कावेरी छात्रावास के हैं अध्यक्ष
पिता मानसिंह ने बताया कि वैभव का पीएचडी के लिए पहले बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में चयन हुआ था। इस दौरान जूएनयू में भी चयन हो गया था। वैभव वर्ष 2023-24 के जेएनवीयू चुनाव में भाषा, साहित्य एवं संस्कृति संस्थान से काउंसलर प्रत्याशी रहे। वर्तमान में कावेरी छात्रावास, जेएनयू के अध्यक्ष भी हैं।
पिता भारतीय मजदूर संघ के सदस्य
छात्र संघ चुनाव में संयुक्त सचिव का चुनाव जीत कर एक दशक बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) को जेएनयू में एंट्री दिलाने वाले वैभव मीणा के पिता मानसिंह मीणा भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) से जुड़े हैं। मानसिंह ने बताया कि वर्ष 1986 से वे बीएमएस सम्बद्ध रोडवेज श्रमिक संगठन के सदस्य रहे हैं। घर परिवार में राष्ट्रवाद का माहौल होने से पुत्र वैभव जयपुर में कॉलेज की पढ़ाई के दौरान विद्यार्थी परिषद से जुड़ गए।