जिला पंचायत अध्यक्ष का आरोप
जिला पंचायत अध्यक्ष सुनीता मेहरा ने कहा कि वे अनूसूचित जाति से हैं। मेरे बार-बार ऐजेन्डा जारी करने के बाद भी जिला पंचायत के सीइओ द्वारा बैठक की सूचना जारी नहीं करते। मैंै एक महिला जिला पंचायत अध्यक्ष हूं और अनूसूचित जाति से हूं, अत: कम पढ़ी लिखी महिला हूं, जिसके कारण आजतक मुझे निज सहायक उपलब्ध नहीं कराया गया। मेरे शासकीय लिखित आवास का तत्कालीन लेखा अधिकारी अशुतोष खरे के द्वारा उस समय पैसा जिला पंचायत से आहरण किया गया है। मेरे यहां शासकीय आवास की साज-सज्जा को कोई भी वस्तु उपलब्ध नहीं है। सभी सदस्यो से पूर्व में जो भी सामान्य सभा का निर्णय पारित किया गया उनका किसी भी तरह कियावन्वय नही किया गया। सदस्यों के द्वारा जो पत्रा चार किया जाता है उनका पालन आज दिनांक तक नही किया गया। सदस्यों से मिलते भी नहीं। इनके पदस्थापना पर सवाल खड़े करते हुए जांच कार्रवाई की मांग की है। यह भी चेताया है कि कार्रवाई न होने पर अध्यक्ष एवं सभी सदस्य समूहिक रूप से इस्तीफा देने के लिए बाध्य होंगे।
अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व सदस्य बेवजह विरोध कर रहे हैं। 24 दिसंबर को 18 फरवरी को पत्र देकर जिपं अध्यक्ष ने 26 फरवरी को बैठक करने कहा गया, महाशिवरात्रि होने के कारण बैठक करने से मना कर दिया गया। फिर मैं 23 फरवरी से 2 मार्च तक अवकाश पर था। 12 मार्च को फिर बैठक करने कहा गया, इस संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष मैडम से चर्चा कर एजेंडा छोटा करने कहा गया। बताया गया कि मार्च क्लोजिंग है, इसलिए समय पर जानकारी नहीं मिल पाएगी। यह सुझाव दिया तो उसको गलत मान लिया और विरोध कर रहे हैं। निंदा प्रस्ताव पर कार्रवाई के लिए विवरण कलेक्टर को भेज दिया है।
शिशिर गेमावत, जिला पंचायत सीइओ।