कटनी में पदस्थ रहे IAS की बड़ी पहल: सेटेलाइट की मदद वाला ‘सिपरी सिस्टम’ प्रदेश को करेगा लबालब, इसरो और गूगल से ली मदद
गजब का है जज्बा
न तो घूमने का शौक ना ही अन्य बच्चों की तरह टीवी और मोबाइल पर गेम खेलने का। न तो फैशन का मोह है ना ही मेकअप का। न तो बेवजह यहां-वहां घूमने का और ना ही पिकनिक आदि का लुत्फ उठाने का। जज्बा है तो सिर्फ हाथों में इंडियन क्रिकेट टीम का बैट देखने का और ख्वाहिश है अपने देश के लिए इंटरनेशनल लेवल पर अपने आप को रिप्रजेंट करने की। मुस्कान प्रदेश की टीम से कई बार प्रतिनिधित्व करते हुए बेहतर प्रदर्शन कर चुकी हैं। इसमें महारथ हासिल करने के लिए पापा पलाश विश्वास को एज-ए कोच चुना था, पापा के साथ मुस्कान प्रतिदिन सुबह दो घंटे बैटिंग, बॉलिंग, फील्डिंग के साथ खेल की अन्य बारीकियों को सीखते थे। मुस्कान के पापा का सिर्फ यही सपना है कि बेटी इंटरनेशनल टीम में सिलेक्टर होकर देश का नाम रोशन करे। ट्रॉफी और मेडल से देश का मान बढ़ाए।