लोगों को धोखाधड़ी का पता तब चला जब ऑफिस ताला बंद मिला। इसके बाद कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, पन्ना, बैतूल सहित प्रदेशभर के करीब आधा सैकड़ा लोग कटनी जिले के कलेक्टर दिलीप यादव और एसपी अभिजीत रंजन से शिकायत दर्ज कराने पहुंचे। उन्होंने कंपनी और उसके मालिक के खिलाफ केस दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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श्योपुर जिले से पहुंचे रूप सिंह जाटव का कहना है कि सुरक्षा निधि के नाम पर उनसे 50 से 75 हजार रुपए जमा कराए गए थे, जिसे 18 महीने में ब्याज के साथ वापस करने का वादा किया था, लेकिन 24 महीने बाद भी एक पैसा नहीं मिला। कई बार शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई, जिससे नाराज होकर प्रदेशभर के लोग कटनी पहुंचे और अपना पैसा वापस दिलाने की मांग की है।
हजारों लोगों को बनाया शिकार
छिंदवाड़ा निवासी सोनाली अहिरवार के अनुसार, उन्होंने हजारों लोगों को जोड़कर करीब 400 समूह बनाकर साप्ताहिक पैसे जमा कराए थे। अब कंपनी पैसा नहीं लौटा रही और जिन महिलाओं से पैसा लिया था, वे उनके घरों में डेरा डालकर बैठी हैं। ऐसा हाल सातों राज्यों के सभी जिलों का है, जहां व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है। सत्यकाम कंपनी बिहार के मधुबनी जिले से शुरू हुई थी और धीरे-धीरे 7 राज्यों में फैल गई. कटनी जिले में कंपनी का काम अजय कुमार और अखिलेश केवट देखते थे।कामगारों के अनुसार, जब उन्होंने पेमेंट की बात की तो उन्हें गाली-गलौच और झूठा केस दर्ज कराने की धमकी दी गई। यह भी पढ़ें- एमपी से गुजरने वाले इन नेशनल हाइवेज पर बनेंगे फूड कोर्ट, रेस्टोरेंट और शॉपिंग स्टोर्स, लीज पर दी जाएंगी जमीनें जांच के आदेश जारी
मामले सामने आने के बाद कटनी प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है। सवाल उठ रहे हैं कि, इस तरह की सत्यकाम फाउंडेशन को जिले में इतने व्यापक स्तर पर कारोबार करने की अनुमति कैसे मिली। जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर साधना परस्ते ने बताया कि सत्यकाम फाउंडेशन के खिलाफ शिकायत मिली है और जल्द ही इसकी जांच कर केस दर्ज कराया जाएगा।
गिरफ्तारी की जाएगी
वहीं, कटनी अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार डेहरिया ने बताया कि, मामले की शिकायत थाने स्तर पर पहले भी हुई थी, लेकिन कार्रवाई क्यों नहीं हुई, इसकी जानकारी ली जा रही है। फिलहाल, नवागत थाना प्रभारी अनिल कुमार यादव को जांच सौंपी गई है और हमारी कोशिश है कि 24 घंटे में केस दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी।