घोर लापरवाही: यात्रियों के ऊपर गिर रही थीं बैल्डिंग की चिंगारियां, खतरों के बीच स्टेशन के बाहर निकले यात्री
माधवनगर-बाकल थाना में नहीं तैनाती
माधवनगर थाना प्रभारी निरीक्षक अनूप सिंह को लाइन अटैच किए जाने के बाद यहां की कमान पुलिस कप्तान अभिजीत रंजन ने उप निरीक्षक रूपेंद्र सिंह को सौंपी है। कयास लगाए जा रहे हैं कि अजय बहादुर सिंह को माधवनगर का प्रभारी बनाया जा सकता है। इसी प्रकार बाकल थाना प्रभारी रहे उप निरीक्षक अनिल यादव को एनकेजे प्रभारी बनाया गया है, उसके बाद से बाकल थाना खाली था। सोमवार को एसपी ने माधवनगर थाने में पदस्थ उप निरीक्षक प्रतीक्षा सिंह चंदेल को बाकल थाने की कमान सौंपी है। स्लीमनाबाद थाने में पदस्थ रहीं उप निरीक्षक नेहा मौर्य को निवार चौकी भेजा गया है। उमरियापान से उप निरीक्षक सिद्धार्थ राय को रीठी व उमरियापान की कमान उप निरीक्षक दिनेश तिवारी को सौंपी है। इसी प्रकार बस स्टैंड चौकी में योगेश मिश्रा की पदस्थापना की गई है। कुछ थानों में उप निरीक्षक प्रभार संभाल रहे हैं, जबकि निरीक्षक लाइन में कई माह से आमद दिए हुए हैं। अब दो निरीक्षक और बढ़ जाने से स्थिति उहापोह की आ बनी है।
पुलिस लाइन में अब आठ निरीक्षक हो गए हैं। पूर्व से निरीक्षक सुदेश सुमन, मंजू शर्मा, संदीप अयाची, अभिषेक चौबे, मोहनी परस्ते, अनूप सिंह तैनात हैं, जबकि दो नई पदस्थाना के तहत अजय सिंह व राखी पांडेय तबादला होकर आए हैं, इनकी आमद होते ही संख्या बढ़ जाएगी। ऐसे में शहर व जिले के मुख्य थानों में अपराध नियंत्रण व सुरक्षा व्यवस्था को लेकर अनुभवी निरीक्षकों को कमान सौंपे जाने के कयास लगाए जा रहे हैं।
संबल योजना को चाहिये सहारा: शहर में 3747 आवेदनों के पंजीयन लंबित
ये बनी फेरबदल की वजह
पुलिस विभाग में फेरबदल की सबसे बड़ी वजह अपराधियों को संरक्षण देना व नियमानुसार कार्रवाई न करने का आरोप बना। 30 जनवरी की रात कोतवाली थाना क्षेत्र में युवा व्यवसायी रॉकी मोटवानी पर कुख्यात बदमाश राहुल बिहारी, करण बिहारी व विनय वीरवानी की गैंग द्वारा गुंडा टैक्स व 40 लाख रुपए की फिरौती मांगे जाने पर प्राणघातक हमले के बाद व्यापारी लामबंद हो गए थे। भाजपा विधायक संदीप जायसवाल द्वारा माधवनगर बंद के दौरान पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए गए। जिसके बाद पूरा मामला वरिष्ठ अधिकारियों व पीएचक्यू तक पहुंचा और पुलिस की छवि धूमिल हुई। दागदार छवि को सुधारने के लिए पुलिस कप्तान ने निरीक्षक अनूप ङ्क्षसह व तत्कालीन एनकेजे प्रभारी नीरज दुबे को लाइन अटैच किया तो वहीं आइजी ने नीरज दुबे व एसआइ अंकित मिश्रा, एसआई दुर्गेश तिवारी को बाहर के जिलों का रास्ता दिखा दिया। हालांकि अबतक बिगड़ी कानून व्यवस्था व पुलिस पर अपराधियों से लगे सांठगांठ के आरोप के बाद भी वरिष्ठ अधिकारियों पर आंच नहीं आई है। जनप्रतिनिधियों ने भी इनके स्थानांतरण की मांग पर चुप्पी साध रखी है।
इस पूरे मामले को ऑनलाइन सट्टे से जोडकऱ देखा जा रहा है। सूत्रों का यह भी कहना है कि विनय व रॉकी के बीच सट्टे की रकम के लेनदेन को लेकर विवाद हुआ था। वसूली को लेकर कुख्यात बदमाश राहुल बिहारी गैंग की मदद ली गई, जिसके बाद शहर में अराजकता की स्थिति बनी। अपराधिक प्रकरण में शामिल विनय को कोतवाली पुलिस अबतकगिरफ्तार नहीं कर पाई है। चर्चा है कि विनय देश छोडकऱ अपने आका के पास दुबई में जा छिपा है।