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CG Hospital: प्रदेश में यह पहली सुविधा, एम्स में 5 बेड वाला हाई डोज थेरेपी वार्ड शुरू, मरीजों का होगा बेहतर इलाज कवर्धा नगर पालिका परिषद में साधारण सम्मेलन बैठक आयोजित किया गया। इसमें 27 विषयों पर चर्चा हुआ। इसमें 24 विषयों को सर्वसम्मति व 3 विषयों को पूर्ण बहुमत से पारित किया गया। बैठक में विभिन्न विकास कार्यो के साथ-साथ एक देश एक चुनाव, वार्ड के नामकरण में संशोधन, महिला जीम निर्माण नगर में बेतरतीब होर्डिंग बोर्ड सहित अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा किया गया।
नगर पालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी ने बताया कि वार्ड क्रमांक 13 मनोज गुप्ता व 21 पार्षद सुरेन्द्र पाण्डेय के साथ वहां के निवासियों द्वारा आवेदन प्रस्तुत कर वार्ड का नाम बदलने के लिए अनुरोध किया है। इसके परिपेक्ष्य में परिषद की साधारण सम्मेलन में विषयों पर चर्चा किया गया। चर्चा उपरांत पार्षदों ने पूर्ण बहुमत के साथ वार्डों के नामकरण बदलने पर मुहर लगा दी है।
परिषद की बैठक में नगर पालिका अध्यक्ष चंद्रप्रकाश चंद्रवंशी ने एक देश एक चुनाव के समर्थन में प्रस्ताव को परिषद के पटल पर रखा। पटल रखने के साथ ही एक देश एक चुनाव के बारे में सारगर्भित चर्चा करते हुए बताया कि भारत में एक साथ लोकसभा, राज्य विधानसभा और स्थानीय निकायों के चुनाव कराने की प्रस्तावित व्यवस्था है। प्रस्ताव पर विपक्ष दलों के उपस्थित 4 पार्षदों ने इस पर विरोध जताया, लेकिन पक्ष के उपस्थित पार्षदों ने बहुमत के आधार पर इसे पारित कर एक देश एक चुनाव के संकल्प पारित कर प्रस्ताव प्रेषित किये जाने की स्वीकृति दी गई है।
नपा अध्यक्ष ने बताया कि दोनों वार्ड का नाम बदलने के लिए आवेदन के आधार पर प्रस्ताव परिषद की बैठक में रखा गया, जिसमें चर्चा कर निर्णय लिया गया। महबूब शाहदातार वार्ड क्रमांक 13 का नाम अब बदलकर श्री महर्षि काश्यप वार्ड के नाम और बहादुर गंज वार्ड क्रमांक 21 नाम बदलकर अब मां गायत्री वार्ड रखा गया है। पार्षदों द्वार पारित निर्णय को अब राज्य सरकार को प्रेषित किया जाएगा। इससे उक्त दोनों वार्डों का नाम अब बदल जाएगा। इससे आवेदक वार्डवासियों में खुशी है।
अध्यक्ष ने दी व्याख्या महर्षि कश्यप के जन्म का व्याख्या करते हुए नपाध्यक्ष ने बताया कि सतयुग अथवा वैदिक काल का ऋषि माना जाता है। उनका जन्म ब्रह्मा के मानस पुत्र के रूप में हुआ था यानि वे ब्रह्मा की मानसिक संकल्प शक्ति से उत्पन्न हुए। कश्यप ऋ षि को कश्यप संहिता का रचयिता माना जाता है जो आयुर्वेद का एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है। उन्होंने वैदिक ज्ञान को आगे बढ़ाया और अपने समय के अनेक ऋ षियों और राजाओं को शिक्षा दी।