one nation one election : हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश ने बोले… ‘ एक राष्ट्र एक चुनाव ’ समानता, स्वतंत्रता और न्याय के सिद्धांतों की अवधारणा
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य गुरुवार को खंडवा पहुंचे। उन्होंने एक राष्ट्र एक चुनाव पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने श्री दादाजी मंदिर पहुंचकर दर्शन किया।
हाई कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य एक राष्ट्र एक चुनाव विचार गोष्ठी को संबोधित करते हुए
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य गुरुवार को खंडवा पहुंचे। उन्होंने एक राष्ट्र एक चुनाव पर आयोजित विचार गोष्ठी को संबोधित किया। इससे पहले उन्होंने श्री दादाजी मंदिर पहुंचकर दर्शन किया।
किशोर कुमार सभागृह में शाम सात बजे आयोजित एक राष्ट्र एक चुनाव कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि पवित्र नगरी में एक राष्ट्र एक चुनाव की विचार गोष्ठी हमारे लिए अविस्मरणीय रहेगी। इसे हमें साकार करना है। ये कोई राजनीति और प्रशासनिक नहीं है। ये दृष्टिकोण हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी की है। उनकी सोच कोई चुनावी लाभ हानि की नहीं, बल्कि राष्ट्र के लिए है। हमारा देश सबसे बड़ा लोक तांत्रिक देश है। हमारे यहां होने वाले चुनाव अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि यह अवधारणा सामनता, स्वतंत्रता और न्याय के सिद्धांतों की है।
प्रजातंत्र चुनाव तंत्र में बदल गया
हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश रोहित आर्य ने कहा एक लोकतंत्र एक शक्ति है। इस लोकतंत्र को यदि हम नहीं पहचानेंगे न हम अपने मताधिकार और प्रजातंत्र की शक्ति समझ पाएंगे। भारत जो पूरे संसार का लोकतंत्र है। इसकी आधारशिला लोकतंत्र पर रखी है। इसकी मूल भावना विविधता में एकता है। हमारे लोक तंत्र में यह देखने को मिलेगा। चाहे जाति, धर्म हो या समाज। इतनी विविधताएं है जो पूरे देश में फैली हुई है। भारत का राष्ट्रवाद केवल भौगोलिक सीमाओं में सीमित नहीं है। यह है हमारे देश की शक्ति। इस प्रजातंत्र की शक्ति, जनता की शक्ति। मित्रों दुर्भाग्य है जो प्रजातंत्र हमारे राष्ट्रवाद को जन्म देता है आज वह प्रजातंत्र चुनाव तंत्र में बदल गया है।
मतदाता वोट बैंक के रूम में हो चुके हैं
उन्होंने कहा कि क्योंकि 1947 के बाद से आजतक जनता के बीच में शायद ही कोई राजनेता गए हो जो लोकतंत्र की परिपक्वता और महत्व के बारे में जनता को बताया हो। ये जनता जो अनभिज्ञ थी उसको मुख्य धार में लाने का काम नहीं किया गया। केवल मतदताओं को मैनुपुलेशन हुआ है। इसके वजह से ही मतदाता वोट बैंक के रूम में हो चुके है। इन्हीं वोट बैंकों को लेकर चुनाव चुनाव होते हैं। जनता और लोकतंत्र के नाम पर शासन चल रही जो मेरे हिसाब से दूषित है। प्रजातंत्र को दूषित करके शासन प्रणाली चल रही है।
देश को एक परिपक्व और सुदृढ़ लोकतंत्र दें
एक देश एक चुनाव के लिए हम सभी को संगठित होकर आगे जनता तक पहुंचना चाहिए। यह मौका बार-बार नहीं आएगा। जब हम अपने देश को एक परिपक्व और सुदृढ़ लोकतंत्र दें। अब सवाल उठता है यह लोकतंत्र और राष्ट्रवाद है तो हम जिस चौराहे पर खड़े है वहां से हम कहां जाए। इसका कारण है बहुचरणीय- बहुयामी चुनाव है। 1952 सेे 67 तक लोकसभा चुनाव और विधानसभा के चुनाव होते थे। देश के चार से पांच प्रदेशों का चुनाव होते है। इससे देश की स्थिति क्या होगी। आंकड़ों में 2019 से 24 तक 55 हजार से 60 हजार करोड़ रुपए से हुआ था। 2024 में खर्च की राशि बढ़ गई। इस दौरान सांसद समेत अन्य भी अपने विचार रखे।
पूर्व न्यायाधीश भाजपा के समन्वयक
भाजपा ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर राज्य की समिति के लिए पार्टी का समन्वयक मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रोहित आर्य को नियुक्त किया है। आर्य प्रदेशभर में अलग-अलग जगहों पर एक राष्ट्र एक चुनाव पर विचार गोष्ठी में बौद्धिक लोगों से चर्चा कर रहे हैं। और उनकी राय जान रहे हैं।
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