संतों ने रखे विचार
अद्वैदामृतम में अद्वैत वेदांत एवं आधुनिक विज्ञान विषय की परिचर्चा के सूत्रधार मप्र आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के आवासीय आचार्य स्वामी वेदत्त त्वरानंद पुरी रहे। रामकृष्ण मिशन विवेकानंद विवि वेल्लूर मठ, कोलकाता के प्रो. रामनाथ झा, डॉ. मृत्युंजय गुहा मजूमदार, स्वामी परामात्मानंद सरस्वती, स्वामी प्रणव चैतन्य, निदेशक पंकज जोशी और प्रसिद्ध लेखक एवं चिंतक पुणे नीलेश नीलकंठ ओक ने अपने विचार रखे। यह भी पढ़े –
वक्फ कानून के विरोध में 15 मिनट बत्ती गुल, लाइटें बंद होते ही अंधेरे में डूबे कई इलाके ओम बराबर एमसी स्क्वेयर (ओम = E=MC²)
ओम बराबर एमसी स्क्वेयर एक समीकरण है, जो विज्ञान और अध्यात्म के बीच संबंध स्थापित करता है। ओम हिंदू धर्म में एक पवित्र ध्वनि और प्रतीक है, जो ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रतिनिधित्व करता है। जैसा कि आइंस्टीन की इक्वेशन में एनर्जी और मास के बीच संबंध बताया है, ओम जो बह्मांड की उर्जा का प्रतिनिधित्व करता है इस ओम में भी एनर्जी के माध्यम से ब्रह्मांड (मास) से जोड़ने की शक्ति है। इस प्रकार ओम का सीधा संबंध विज्ञान से बताया है।
समीकरण का विस्तार
वर्ष 1905 में आइंस्टीन ने मास और एनर्जी पर शोध करते हुए (E=MC2) समीकरण तैयार किया। इस इक्वेशन से मास को एनर्जी और एनर्जी को मास में बदला जा सकता है। ई का मतलब एनर्जी, एम का मतलब मास और सी का अर्थ स्पीड ऑफ लाइट है। मास को एनर्जी में बदलने के लिए न्यूक्लियर यूजन की जरूरत होती है। यह या तो सूर्य में होती है या फिर न्यूक्लियर यूजन रिएक्शन जो एटम बम में होती है।