विशेषज्ञ बोले, धूप में बाहर नहीं निकले
मेडिकल कॉलेज अस्पताल के विशेषज्ञ डॉ पंकज जैन का कहना है कि टेंपरेचर बढ़ने से अभी हीट स्टोक जैसी स्थिति नहीं हुई है। लेकिन डायरिया, फीवर के साथ अन्य मौसमी बीमारियों के मरीजों में इजाफा हुआ है। तापमान में हाई बीपी, शुगर आदि के मरीजों को एहतियात बरतना है। लोग बासी भोजन नहीं करें। गर्मी से आने के बाद एकाएक एसी, कूलर के उपयोग से बचें।
ओपीडी में बढ़ रही मरीजों की संख्या
सोमवार को ओपीडी में दोपहर तक लंबी कतार रही। मेडिसिन, हड्डी रोग समेत विभिन्न विभागों में 1550 से अधिक की ओपीडी रही। इसमें अकेले 300 से अधिक मेडिसिन विभाग की ओपीडी में मरीजों का चेकअप किया गया। ज्यादातर को मामूली बीमारियों पर दवा लिख दिया गया। तेज बुखार और डायरिया के 11 मरीज भर्ती हुए। डायरिया के भी मरीजों को भर्ती कराया किया गया है।
38 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचे
पर्ची काउंटर की रिपोर्ट के अनुसार 15 मार्च से मरीजों की संख्या 1400 से पहुंची गई है। बीते माह मार्च में मेडिसिन समेत विभिन्न विभागों में 38 हजार से अधिक मरीज ओपीडी में पहुंचे। एक अप्रैल से लेकर आज तक ओपीडी में प्रतिदिन 1500 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। इसमें आइपी की संख्या अलग है।
मरीजों की ओपीडी में लंबी कतार
मेडिकल अस्पताल में मेडिसिन और हड्डी रोग विभाग के साथ ही शिशु रोग विभाग में मरीजों की लंबी कतार है। हड्डी रोग विभाग की दो ओपीडी में दोपहर दो बजे तक लंबी कतार रही। इसमें हाथ, पैर में दर्द के साथ रीढ़ में दर्द के अधिक मरीज पहुंचे थे। तापमान में बदलाव के कारण रीढ़ की हड्डियों के दर्द के भी मरीजों की संख्या बढ़ी है। हड्डी रोग विभाग में करीब 389 मरीज पहुंचे। विशेषज्ञ ने कई मरीजों को वार्ड में भर्ती किया है।
लू से बचाव के सुझाव
घर के अंदर, छायादार स्थानों पर रहें। आरामदायक, सूती और हल्के रंग के पतले और ढीले कपड़े पहनें। अधिक पानी वाले मौसमी फल और सब्जियां जैसे तरबूत, खीरा, संतरा आदि खाएं। अगर काम के लिए बाहर जाना आवश्यक हो तो कोशिश करें सुबह या शाम के समय ही जाएं। बाहर जाने पर टोपी, छाता, तौलिया का उपयोग करें। अक्सर पानी तथा नमकीन पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी और ओरआरएस का घोल पिएं।
ठंडे पानी से स्नान करें तथा कमरें में तामान कम करने के लिए पर्दा, पंखा आदि का उपयोग करें। लू लगने की स्थिति में ठंडा वातावरण बनाकर, ठंडे पानी का स्पंज और कपड़े में लिफटे जरूरतमंदों को तत्काल चिकित्सा सहायता प्रदान करें।
यदि आप को कोई ऐसा व्यक्ति मिले जिसके शरीर का तापमान अधिक है। अथवा बेहोश या भ्रमित है। उसे पसीना आना बंद हो गया है। निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करें। या तुरंत 108, 102 पर काल करें।