Korba Chimney Accident: 40 मजदूरों की हुई थी मौत..
मामले की सुनवाई
कोरबा की स्पेशल कोर्ट में चल रही है। सुनवाई के दौरान विशेष न्यायाधीश एसटी एससी जयदीप गर्ग की अदालत ने अभियोजन पक्ष की मांग पर बालको, चिमनी बनाने का कार्य करने वाली चीनी कंपनी सेपको, पेटी कॉन्ट्रेक्ट का काम लेने वाले जीडीसीएल, कार्य की निगरानी करने वाली कंपनी ब्यूरो वेराइटिज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड मुंबई (बीवीआईएल) और डेवलपमेंट कंसल्टेंट प्राइवेट लिमिटेड (डीसीपीएल) को आरोपी बनाने की मांग की गई थी। इसके लिए दंड प्रक्रिया की धारा 319 के तहत आवेदन कोर्ट में पेश किया गया था।
पहले नहीं बनाया था आरोपी
मामले की सुनवाई के दौरान घटना की जांच करने वाले पुलिस की ओर से इन कंपनियों को आरोपी नहीं बनाया गया था। आरोपी क्यों नहीं बनाया गया? इसका कोई स्पष्ट कारण नहीं बताया गया। लेकिन
कोर्ट में सुनवाई के दौरान पुलिस के जांच अधिकारी ने बताया कि यदि अधिकारियों के गलती के कारण कोई दुर्घटना होती है, तो उसके लिए कंपनी जिम्मेदार होती है। वह कंपनी भी अभियुक्त होती है। अभियोजन पक्ष की मांग पर कोर्ट ने पांच कंपनियों को आरोपी बनाया है।
बालको का जोड़
- चीनी नागरिकों को बनाया गया था आरोपी, सभी बेल पर
चिमनी हादसे के मामले में पुलिस ने चिमनी निर्माण करने वाली चीनी कंपनी सेपको के तीन अधिकारियों को आरोपी बनाया था। तीनों चीनी नागरिक हैं। इसमें वू चुनान, लीव गेक्शन और वांग वेगिन शामिल हैं। घटना के बाद पुलिस ने तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था। कई माह तक आरोपी जेल में बंद थे। इस बीच कोर्ट से जमानत मिली और चीनी नागरिक अपने देश लौट गए हैं।
इस मामले में चीनी नागरिक वू चुनान और वांग वेगिन ने खुद को बीमार बताया है और कोरबा के कोर्ट में पेश होने से हाजिरी माफी की मांग की है। वहीं इस मामले में सेपको से अनुबंध पर काम लेकर चिमनी बनाने वाली कंपनी जीडीसीएल के अनु महापात्रा, वीरर मेहता और दीपक नारंग को भी कोर्ट ने
आरोपी बनाया है। सभी जमानत पर हैं। घटना में मारे गए अधिकतर मजदूर बिहार के थे। कुछ मजदूर झारखंड के भी थे।
बालको चिमनी हादसे पर एक नजर
- बालको पहले सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी थी। 2002 में सरकार ने इसका विनिवेश कर दिया था। इसे वेदांता ग्रुप की स्टरलाइट कंपनी ने खरीदा।
- बालको ने अपने पावर प्लांट के चिमनी निर्माण का काम चीनी कंपनी शैनदोंग इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन को दिया था और सेपको ने जीडीसीएल नाम की कंपनी को चिमनी निर्माण कार्य का ठेका दे दिया था.
- 23 सितंबर 2009 को वेदांता बालको के पावर प्लांट की 240 मीटर ऊंची चिमनी भरभरा कर गिर गई थी।इस हादसे में 40 मज़दूरों की मौत हो गई थी।
- हादसे की जांच के लिए बाद में एकल सदस्यीय जांच आयोग का गठन किया था। जस्टिस संजीव बख्शी ने इसकी जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपी थी।