
उपज खरीद से पहले ऑनलाइन पंजीयन
उल्लेखनीय है कि यहां तिलम संघ की ओर से गौण कृषि उपजमंडी में गेहूं की खरीद हो रही है। गेहूं की तुलाई से पहले किसानों का ऑनलाइन पंजीयन हो रहा है। अब तक 741 किसान गेहूं की उपज तुलाई के लिए पंजीयन करा चुके हैं। इनमें 234 किसानों की करीब 28 हजार क्विंटल गेहूं की खरीद हो चुकी है।रिश्तों की ‘मौत’: मां की अर्थी को दो बेटों का कंधा नहीं हुआ नसीब, अंत्येष्टि में ही नहीं आए बेटे
तुलाई का इंतजार, सुरक्षा की चिंता
पंजीयन के बाद संबंधित किसान को मोबाइल पर सूचना भेजी जाती है। किसान निर्धारित तिथि पर ट्रैक्टर-ट्रॉली में उपज भरकर केन्द्र पर पहुंच जाते हैं। यहां गेट पास कटवाने के बाद उनका क्रमांक तय होता है। लेकिन सात से दस दिन तक तुलाई का नंबर नहीं आ रहा। मजबूरन किसानों को उपज से भरे वाहन केन्द्र पर ही खड़े करने पड़ रहे है। उपज की सुरक्षा को लेकर भी किसानों को केन्द्र पर ही डेरा डाले रहना पड़ रहा है।
फिर भुगतान के लिए चक्कर
उपज तुलाई के बाद किसानों को भुगतान के लिए भी लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। यूं तो सरकार का दावा 48 से 72 घंटे में भुगतान का है, लेकिन यहां एक-एक पखवाड़े तो कई किसानों को इससे अधिक दिनों तक भी भुगतान का इंतजार करना पड़ रहा है। इस दौरान किसान केन्द्र पर चक्कर काटते रहते है। लेकिन भुगतान मिलने को लेकर उन्हें कोई संतोषप्रद जवाब नहीं मिलता। मजबूरन थह-हार कर वापिस चले जाते हैं।राजस्थान में हीटवेव, आसमान से बरसी आग, 4 जिलों में अंधड़-बारिश का अलर्ट, जानें लू से कब मिलेगी राहत
किसानों को नहीं मिला भुगतान
तोलाराम नागर ने भी तीन मई को उपज बेची थी, लेकिन अभी तक उपज का पैसा हाथ नहीं आया। तिलम संघ प्रतिनिधियों से बात करते हैं तो वो भी भुगतान कब तक मिलेगा इसको लेकर कोई संतोषप्रद जवाब नहीं देते।दिल्लीपुरा निवासी गिरिराज मेहता ने बताया कि मोबाइल पर सूचना आने के बाद 23 अप्रेल को उपज लेकर केन्द्र पर पहुंचे। दस दिन बाद 3 मई को उपज की तुलाई हुई। अभी तक उपज का भुगतान नहीं मिला।