अगर सही समय पर कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखा जाए तो इस भीषण गर्मी में भी सेहतमंद रहा जा सकता है। आइए जानते हैं, ऐसी 4 जरूरी बातों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप लू और गर्मी से जुड़ी कई बीमारियों से खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।
1. शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें
गर्मी में शरीर का तापमान नियंत्रित रखने के लिए पानी सबसे जरूरी है। पसीने के जरिए शरीर से काफी मात्रा में पानी और जरूरी नमक निकल जाता है। अगर शरीर में पानी की कमी हो जाती है तो डिहाइड्रेशन और हीट स्ट्रोक जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए दिनभर में कम से कम 8-10 गिलास पानी जरूर पिएं। इसके साथ ही नींबू पानी, नारियल पानी, बेल शरबत और छाछ जैसे घरेलू पेय भी काफी फायदेमंद रहते हैं। यह भी पढ़ें: Pomegranate Side Effects: इन 5 लोगों को नहीं पीना चाहिए अनार का जूस, वरना हो सकता है नुकसान 2. धूप में निकलने से पहले सावधानी बरतें
तेज धूप और गर्म हवाएं (लू) सेहत के लिए खतरनाक हो सकती हैं। अगर जरूरी न हो तो दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक बाहर नहीं निकलें। अगर बाहर जाना ही पड़े तो सिर को ढंककर जाएं, छाता या कैप का इस्तेमाल करें और सूती कपड़े पहनें, ताकि शरीर को ठंडक मिलती रहे। चेहरे और हाथों पर सनस्क्रीन लगाना भी फायदेमंद होता है।
3. खानपान रखें हल्का और पौष्टिक
गर्मी में तले-भुने और मसालेदार खाने से परहेज करें। इससे पेट की समस्याएं और गैस्ट्रिक दिक्कतें हो सकती हैं। इस मौसम में मौसमी फल जैसे तरबूज, खरबूजा, आम (अधिक मात्रा में नहीं), खीरा, ककड़ी का सेवन करें। ये शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखते हैं और ठंडक भी पहुंचाते हैं। इसके अलावा खाने में दाल, हरी सब्जियां और सलाद को शामिल करें। यह भी पढ़ें: Bel Juice : बेल के शरबत में चीनी मिलाना चाहिए या नहीं? जानिए इसके फायदे और सही तरीका 4. शरीर को रखें ठंडा
गर्मी में शरीर पर अधिक दबाव डालना नुकसानदेह हो सकता है। ज्यादा मेहनत वाले काम दिन के ठंडे समय में करें और शरीर को पर्याप्त आराम दें। ठंडी जगह पर रहें, बार-बार चेहरा धोएं और नहाने से भी राहत मिलती है। अगर शरीर का तापमान लगातार बढ़ता महसूस हो, चक्कर आएं, सिर दर्द हो या उल्टी जैसा लगे तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। ये हीट स्ट्रोक के लक्षण हो सकते हैं।
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।