लखनऊ समेत कई जिलों में बढ़ेगी गर्मी: 14 मई से लू का अलर्ट, तापमान 45°C तक पहुंचने की संभावना
इस वर्ष के बड़ा मंगल की तिथियां
- 13 मई
- 20 मई
- 27 मई
- 3 जून
- 10 जून

स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति
- कर्ज मुक्ति
- शत्रु बाधा से बचाव
- मुकदमों में विजय
- मंगल ग्रह के दोषों का निवारण
- शनि की पीड़ा से राहत
प्रमुख मंदिरों की तैयारियां
- लखनऊ के प्रमुख मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं:
- अलीगंज का नया और पुराना हनुमान मंदिर
- हनुमान सेतु
- हजरतगंज का हनुमत धाम
- चौक का छांछी कुआं मंदिर
- गुलाचीन हनुमान मंदिर
- हर मंदिर में विशेष भजन-कीर्तन, हवन, भंडारे और सजावट की योजना है। शहर भर में रथयात्राएं, शोभायात्राएं और भंडारों की श्रंखला प्रारंभ हो चुकी है।
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इतिहास: नवाबों से शुरू हुई परंपराइस पर्व की शुरुआत नवाबी दौर में हुई मानी जाती है। अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास बताते हैं कि नवाब शुजाउद्दौला की बेगम आलिया बेगम संतान सुख के लिए एक फकीर के कहने पर हनुमान जी की मूर्ति को खुदवाकर स्थापित करवाया। मूर्ति की स्थापना के बाद बेगम को संतान प्राप्त हुई, और बाद में प्लेग महामारी से मुक्ति मिली। इस कृतज्ञता में मंगलवार को विशाल भंडारा आयोजित किया गया, जो ज्येष्ठ माह का दिन था। तभी से यह परंपरा शुरू हुई जिसे अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने भी समर्थन दिया और समाज में इसे बढ़ावा मिला।

बड़ा मंगल सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि यह आपसी भाईचारे, सौहार्द, और सेवा भावना का प्रतीक है। मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य समुदायों के लोग भी भंडारे, साफ-सफाई, पानी वितरण और व्यवस्थाओं में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
बड़ा मंगल इस बात का उदाहरण है कि भारत की संस्कृति कितनी विविधतापूर्ण और एकजुटता से भरी है।
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प्रशासन की तैयारियांराजधानी प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और यातायात के लिए विशेष प्लान बनाया है। मंदिरों के आसपास ट्रैफिक रूट डायवर्ट किए जाएंगे और CCTV, ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी।