scriptBada Mangal 2025: बड़े मंगल की आस्था से गूंजेगा लखनऊ, इस बार पांच बार बरसेगी बजरंगबली की कृपा | Bada Mangal 2025: Lucknow's Grand Celebration of Faith and Unity Begins 13 May | Patrika News
लखनऊ

Bada Mangal 2025: बड़े मंगल की आस्था से गूंजेगा लखनऊ, इस बार पांच बार बरसेगी बजरंगबली की कृपा

Bada Mangal Lucknow: लखनऊ में ज्येष्ठ माह का पहला बड़ा मंगल इस वर्ष 13 मई को मनाया जाएगा। धार्मिक आस्था, सामाजिक सेवा और सांस्कृतिक समरसता का प्रतीक यह पर्व इस बार पांच बार मनाया जाएगा। मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं और भव्य भंडारों व भजन-कीर्तन का आयोजन शहर भर में होगा।

लखनऊMay 10, 2025 / 02:53 pm

Ritesh Singh

Hanuman Bhakti

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Bada Mangal 2025 Hanuman Jayanti: उत्तर भारत विशेषकर लखनऊ के लिए ज्येष्ठ माह के मंगलवार यानी “बड़ा मंगल” सिर्फ एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है, जिसमें हर वर्ग, हर धर्म और हर समुदाय के लोग श्रद्धा के साथ भाग लेते हैं। 2025 में यह पर्व 13 मई से शुरू हो रहा है और इस बार पूरे पांच बड़े मंगल पड़ रहे हैं, जिससे श्रद्धालुओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है।
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 इस वर्ष के बड़ा मंगल की तिथियां

  • 13 मई
  • 20 मई
  • 27 मई
  • 3 जून
  • 10 जून
खगोलीय और ज्योतिषीय महत्व: ज्योतिषाचार्य एस.एस. वर्मा के अनुसार पहला बड़ा मंगल (13 मई) को विशाखा नक्षत्र और गुरु की दृष्टि के साथ गजकेसरी योग का निर्माण हो रहा है, जो अत्यंत शुभ है। चंद्रमा मंगल की वृश्चिक राशि में होंगे, जबकि सूर्य अपनी उच्च राशि मेष में स्थित रहेंगे। शुक्र भी अपनी उच्च मीन राशि में रहेंगे। यह सभी योग धार्मिक कार्यों और पूजा-पाठ के लिए उत्तम बताए गए हैं।
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हनुमान जी की पूजा का महत्व: ज्योतिषाचार्य आनंद दुबे बताते हैं कि हनुमान जी कलयुग के जाग्रत देव हैं। वे संकटमोचन, शक्ति, साहस और भक्तिपथ के प्रतीक हैं। ज्येष्ठ माह में मंगलवार को उपवास, सुंदरकांड पाठ, हनुमान चालीसा, लाल वस्त्र, लाल फूल, सिन्दूर, तुलसी पत्र, और बूंदी या बेसन के लड्डुओं से पूजा करना अत्यंत फलदायी होता है।

स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों से मुक्ति

  • कर्ज मुक्ति
  • शत्रु बाधा से बचाव
  • मुकदमों में विजय
  • मंगल ग्रह के दोषों का निवारण
  • शनि की पीड़ा से राहत

 प्रमुख मंदिरों की तैयारियां 

  • लखनऊ के प्रमुख मंदिरों में तैयारियां जोरों पर हैं:
  • अलीगंज का नया और पुराना हनुमान मंदिर
  • हनुमान सेतु
  • हजरतगंज का हनुमत धाम
  • चौक का छांछी कुआं मंदिर
  • गुलाचीन हनुमान मंदिर
  • हर मंदिर में विशेष भजन-कीर्तन, हवन, भंडारे और सजावट की योजना है। शहर भर में रथयात्राएं, शोभायात्राएं और भंडारों की श्रंखला प्रारंभ हो चुकी है।
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इतिहास: नवाबों से शुरू हुई परंपरा
इस पर्व की शुरुआत नवाबी दौर में हुई मानी जाती है। अलीगंज के पुराने हनुमान मंदिर के महंत गोपाल दास बताते हैं कि नवाब शुजाउद्दौला की बेगम आलिया बेगम संतान सुख के लिए एक फकीर के कहने पर हनुमान जी की मूर्ति को खुदवाकर स्थापित करवाया। मूर्ति की स्थापना के बाद बेगम को संतान प्राप्त हुई, और बाद में प्लेग महामारी से मुक्ति मिली। इस कृतज्ञता में मंगलवार को विशाल भंडारा आयोजित किया गया, जो ज्येष्ठ माह का दिन था। तभी से यह परंपरा शुरू हुई जिसे अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह ने भी समर्थन दिया और समाज में इसे बढ़ावा मिला।
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समाज में भाईचारे का प्रतीक
बड़ा मंगल सिर्फ धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि यह आपसी भाईचारे, सौहार्द, और सेवा भावना का प्रतीक है। मुस्लिम, सिख, ईसाई और अन्य समुदायों के लोग भी भंडारे, साफ-सफाई, पानी वितरण और व्यवस्थाओं में बढ़चढ़ कर हिस्सा लेते हैं।
बड़ा मंगल इस बात का उदाहरण है कि भारत की संस्कृति कितनी विविधतापूर्ण और एकजुटता से भरी है।
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प्रशासन की तैयारियां
राजधानी प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा और यातायात के लिए विशेष प्लान बनाया है। मंदिरों के आसपास ट्रैफिक रूट डायवर्ट किए जाएंगे और CCTV, ड्रोन से निगरानी रखी जाएगी।

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