BrahMos In Lucknow: लखनऊ से ब्रह्मोस की उड़ान: भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता का ऐतिहासिक शुभारंभ
BrahMos Aerospace: लखनऊ में 11 मई को ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई का उद्घाटन भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना न केवल उत्तर प्रदेश को रक्षा उत्पादन में अग्रणी बनाएगी, बल्कि भारत की सामरिक शक्ति को भी सुदृढ़ करेगी।
BrahMos Missile Lucknow: भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, लखनऊ में ब्रह्मोस मिसाइल निर्माण इकाई का उद्घाटन 11 मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा किया गया। यह परियोजना उत्तर प्रदेश डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लखनऊ नोड का हिस्सा है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में घोषित किया था।
₹300 करोड़ की लागत से स्थापित यह इकाई ब्रह्मोस एयरोस्पेस द्वारा निर्मित है, जो भारत और रूस के संयुक्त उद्यम के रूप में कार्यरत है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए दिसंबर 2021 में 80 हेक्टेयर भूमि नि:शुल्क प्रदान की थी, और मात्र 3.5 वर्षों में इसका निर्माण पूरा किया गया।
ब्रह्मोस मिसाइल, जो दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है, की मारक क्षमता 290-400 किलोमीटर है और यह मैक 2.8 की गति से उड़ान भर सकती है। यह मिसाइल भूमि, वायु और समुद्र से लॉन्च की जा सकती है और ‘फायर एंड फॉरगेट’ सिद्धांत पर कार्य करती है।
यह इकाई प्रति वर्ष 80-100 मिसाइलों का उत्पादन करेगी, जिससे भारत की रक्षा क्षमताओं में महत्वपूर्ण वृद्धि होगी। इसके अलावा, यह परियोजना उत्तर प्रदेश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में एक प्रमुख केंद्र के रूप में स्थापित करेगी, जिससे राज्य में रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
उत्तर प्रदेश सरकार ने डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के तहत 170 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनमें ₹30,000 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। लखनऊ नोड में ब्रह्मोस यूनिट के अलावा, अन्य रक्षा उपकरणों का भी उत्पादन किया जाएगा, जिससे राज्य की रक्षा उत्पादन क्षमता और बढ़ेगी। इस परियोजना के उद्घाटन के साथ ही, भारत की रक्षा आत्मनिर्भरता को नई दिशा मिलेगी और यह देश की सामरिक शक्ति को और सुदृढ़ करेगी।
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