10 लाख तक रजिस्ट्री में महिलाओं को 10 हजार रुपए तक की छूट मिल जाती थी, जिसे अब सरकार बढ़ाकर 1 लाख तक करने की सोच रही है। महिलाओं को 10 लाख तक की प्रापट्री पर 7 फीसदी की जगह 6 फीसदी स्टांप शुल्क देना पड़ता है।
रजिस्ट्री से पहले दस्तावेजों को चेक करिए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को स्टांप एवं निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सर्किट रेट तय करते समय खास ध्यान रखा जाए। ताकि उनमें कोई असमानता न रहे। खासकर एक जैसी परिस्थितियों वाले स्थानों पर। रेट निर्धारण में विकास, शहरीकरण और इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को की गति को ध्यान में रखा जाए। ताकि आमजन को इसका सीधा लाभ मिल सके। योगी आदित्यनाथ ने रजिस्ट्री प्रक्रिया से पहले दस्तावेजों और भूमि स्वामी के वेरिफिकेशन को अनिवार्य बताया। कहा, इससे भूमि विवादों में कमी आएगी। उन्होंने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने और तकनीकी माध्यमों का अधिकतम उपयोग करने पर बल दिया ताकि समय और संसाधनों की बचत हो सके।
संपत्ति बंटवारे पर 5 हजार से ज्यादा फीस न हो
अधिकारियों ने सीएम को बताया कि 2016-17 में 11 हजार करोड़ रुपए के स्टांप बिके थे। जबकि 2024-25 में यह आंकड़ा 30 हजार करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। वहीं, 2023-24 की तुलना में 2024-25 में 11.67 प्रतिशत अधिक राजस्व की प्राप्ति हुई है। विभाग ने अब तक 45 जनपदों में सर्किल रेट का पुनरीक्षण कर लिया है, जबकि शेष 30 जनपदों में यह प्रक्रिया चल रही है।
मुख्यमंत्री ने रजिस्ट्री कार्यालयों में सीसीटीवी कैमरों को एक्टिव रखने के भी निर्देश दिए। यह भी कहा कि पैतृक अचल संपत्ति के बंटवारे पर 5 हजार रुपए से ज्यादा स्टांप फीस न लिखा जाए। साथ ही, रजिस्ट्रेशन फीस भी अधिकतम पांच हजार रुपए तय की जाए।
सीएम योगी ने रजिस्ट्री प्रक्रिया को सरल बनाने और तकनीकी माध्यमों का अधिकतम उपयोग करने पर जोर दिया ताकि समय और संसाधनों की बचत हो सके। स्टांप एवं पंजीयन मंत्री रवींद्र जायसवाल ने बताया कि अब तक 45 जिलों में नए सर्किल रेट का निर्धारण किया जा चुका है। बचे 30 जिलों में भी जल्द ही नए सर्किल रेट का निर्धारण किया जाएगा।
क्या है सर्किल रेट
सर्किल रेट किसी क्षेत्र के प्रशासन द्वारा निर्धारित किया गया वह न्यूनतम मूल्य होता है, जिस पर प्रॉपर्टी की खरीद-फरोख्त की जा सकती है। इसे लागू करने का मुख्य उद्देश्य टैक्स चोरी को रोकना होता है। अगर सर्किल रेट की व्यवस्था न हो, तो खरीदार और विक्रेता कम मूल्य दिखाकर टैक्स चोरी कर सकते हैं। जब भी कोई जमीन या प्रॉपर्टी खरीदी या बेची जाती है, तो रजिस्ट्रेशन के समय स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क का भुगतान करना पड़ता है।