‘प्रोजेक्ट अलंकार’ क्या है?
‘प्रोजेक्ट अलंकार’ की शुरुआत 1अक्टूबर 2021 को की गई थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के लगभग 2450 सरकारी माध्यमिक विद्यालयों को आधुनिक सुविधाओं से लैस करना है। इस परियोजना के तहत विद्यालयों में स्मार्ट क्लासरूम, लैब, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, साफ पानी, शौचालय और मजबूत इमारत जैसी बुनियादी सुविधाएं मुहैया की जा रही हैं। इसकी खास बात यह है कि यह योजना केवल शहरी क्षेत्रों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसका दायरा ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों के स्कूलों तक भी फैला हुआ है। इससे वहां के बच्चों को भी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिल रहा है।
‘प्रोजेक्ट अलंकार’ से कितना फायदा
प्रोजेक्ट अलंकार की निगरानी जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा की जा रही है। सरकारी आंकड़ों की मानें तो योजना के क्रियान्वयन से राज्य के सरकारी विद्यालयों की तस्वीर तेजी से बदल रही है। 2024 की वार्षिक शिक्षा रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश में माध्यमिक विद्यालयों में नामांकन 23 प्रतिशत बढ़ गया है। इसके साथ ही प्राथमिक विद्यालयों में उपस्थिति 11.5 प्रतिशत और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 9.6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके साथ ही सरकार की यह पहल संस्कृत शिक्षा तक भी पहुंची है। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत सूबे के 7 जिलों में 11 संस्कृत विद्यालयों को हाईटेक सुविधाओं से लैस किया गया है और 141 संस्कृत स्कूलों के कायाकल्प के लिए 14.94 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई है। साथ ही सरकार मुख्यमंत्री मॉडल स्कूल यानी प्री-प्राइमरी से 12वीं तक और मुख्यमंत्री अभ्युदय स्कूल (प्री-प्राइमरी से कक्षा 8 तक) भी स्थापित कर रही है, जिनमें प्रत्येक अभ्युदय स्कूल पर 1.42 करोड़ रुपये का खर्च निर्धारित किया गया है।
कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने की तारीफ
हाल ही में नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई एनडीए शासित राज्यों की बैठक में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना का प्रस्तुतिकरण दिया। इसमें कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने इस योजना की खुले दिल से सराहना की और इसे अपने-अपने राज्यों में लागू करने की इच्छा जताई।