Sanatan Dharma Conversion: मंदिर में अपनाया गुलनाज और सरफराज ने सनातन धर्म
Hindu Conversion: लखनऊ के डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में आज दो मुस्लिम युवकों ने सनातन धर्म को अपनाया। सरफराज अहमद, जिन्हें अब राजन मिश्रा के नाम से जाना जाएगा, और गुलनाज, जिन्होंने अपना नया नाम विराट शर्मा रखा, ने विधिवत रूप से हिंदू धर्म में वापसी की। यह धर्म परिवर्तन मंदिर की महंत दिव्या गिरी और ठाकुर जितेन्द्र नारायण सिंह सेंगर के सहयोग से हुआ।
लखनऊ के मनकामेश्वर मंदिर में दो मुस्लिम युवकों ने हिंदू धर्म अपनाया
Sanatan Dharma Mankameshwar Temple: लखनऊ के डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया गया, जिसमें दो मुस्लिम युवकों सरफराज अहमद और गुलनाज ने सनातन धर्म अपनाने की घोषणा की। वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार, महंत दिव्या गिरी की अगुवाई में दोनों युवकों ने हिंदू धर्म में वापसी की। सरफराज अहमद का नया नाम राजन मिश्रा रखा गया, जबकि गुलनाज अब विराट शर्मा के नाम से पहचाने जाएंगे। इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठान, तिलक और नामकरण संस्कार संपन्न हुआ।
धर्म परिवर्तन करने वाले इन दोनों युवकों का कहना है कि उन्होंने स्वेच्छा से सनातन धर्म अपनाने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि सनातन धर्म सभी को समानता, स्वतंत्रता और अपने तरीके से जीवन जीने का अधिकार देता है। उन्होंने कहा कि किसी प्रलोभन या दबाव में आकर नहीं बल्कि अपने आंतरिक विश्वास और अध्यात्मिक अनुभूति के कारण उन्होंने यह कदम उठाया है।
महंत दिव्या गिरी का बयान
मनकामेश्वर मंदिर की महंत दिव्या गिरी ने इस अवसर पर कहा कि सनातन धर्म किसी पर जबरदस्ती नहीं करता बल्कि जो कोई भी स्वेच्छा से इस धर्म को अपनाना चाहता है, उसके लिए द्वार हमेशा खुले हैं। उन्होंने कहा कि अन्य धर्मों में आर्थिक या सामाजिक कारणों से लोग शामिल हो जाते हैं, लेकिन सनातन धर्म आत्मा और सत्य की खोज पर आधारित है।
धर्म परिवर्तन करने वाले इन युवकों को समाज से भी समर्थन मिल रहा है। ठाकुर जितेंद्र नारायण सिंह सेंगर ने दोनों युवकों को ₹11,000 का चेक भेंट किया और साथ ही हर महीने ₹3,000 की आर्थिक सहायता देने की भी घोषणा की, जो तब तक जारी रहेगी जब तक वे आत्मनिर्भर नहीं हो जाते।
पूरे विधि-विधान से हुआ धर्म परिवर्तन
मनकामेश्वर मंदिर में हुए इस धर्म परिवर्तन कार्यक्रम के दौरान वैदिक मंत्रोच्चार, हवन और पूजा-पाठ किया गया। महंत दिव्या गिरी के नेतृत्व में दोनों युवकों ने हिंदू धर्म की परंपराओं को अपनाया और संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में सनातन संस्कृति का पालन करेंगे। दोनों को तिलक लगाया गया और भगवा वस्त्र धारण करवाए गए।
महंत दिव्या गिरी ने बताया कि ‘सनातन में स्वागत’ अभियान के तहत उन लोगों को फिर से हिंदू धर्म में वापस लाने का प्रयास किया जा रहा है, जो किसी मजबूरी, लालच या सामाजिक दबाव में आकर धर्म परिवर्तन कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कई लोग आर्थिक, सामाजिक और अन्य दबावों के कारण हिंदू धर्म छोड़ देते हैं, लेकिन अंततः सनातन संस्कृति की महानता को समझकर वापस लौटते हैं।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर भी मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं। कुछ लोगों ने इसे हिंदू संस्कृति की विजय बताया, जबकि कुछ ने इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता का मामला कहा। ट्विटर और फेसबुक पर #GharWapsi, #SanatanDharma, #MankameshwarTemple जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं।
धर्म परिवर्तन को लेकर सरकार का रुख
उत्तर प्रदेश सरकार ने जबरन धर्म परिवर्तन पर सख्ती बढ़ाई है। लव जिहाद और अन्य जबरन धर्म परिवर्तन के मामलों में कड़े कानून लागू किए गए हैं। हालांकि, सरकार यह भी कहती है कि अगर कोई स्वेच्छा से धर्म बदलता है, तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है।
अगर कोई व्यक्ति हिंदू धर्म अपनाना चाहता है, तो उसे कुछ महत्वपूर्ण अनुष्ठानों और संकल्पों को पूरा करना होता है। इस प्रक्रिया में हवन, तिलक संस्कार, गीता पाठ, मंत्र दीक्षा और सामाजिक स्वीकार्यता शामिल होती है। मनकामेश्वर मंदिर में भी इसी प्रक्रिया का पालन किया गया।
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