scriptUP में बिजली संकट के संकेत: 29 मई से अभियंताओं का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार, 5000 इंजीनियरों को नोटिस | UP Faces Power Crisis Threat: 5000 Engineers Served Notice Ahead of Indefinite Strike from 29 May | Patrika News
लखनऊ

UP में बिजली संकट के संकेत: 29 मई से अभियंताओं का अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार, 5000 इंजीनियरों को नोटिस

UP Power Crisis: उत्तर प्रदेश में बिजली अभियंताओं और सरकार के बीच टकराव गहराता जा रहा है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के 5000 अभियंताओं को कार्य बहिष्कार से पहले नोटिस भेजा गया है। 29 मई से अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी से राज्य में बिजली संकट की आशंका गहराने लगी है।

लखनऊMay 26, 2025 / 02:50 pm

Ritesh Singh

फोटो सोर्स : Patrika : बिजली व्यवस्था पर संकट मंडराया

फोटो सोर्स : Patrika : बिजली व्यवस्था पर संकट मंडराया

UP Faces Power Crisis Threat: उत्तर प्रदेश की बिजली व्यवस्था एक बार फिर संकट की ओर बढ़ रही है। पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों से जुड़े करीब 5000 बिजली अभियंताओं को उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) ने नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन कर्मचारियों के खिलाफ है जिन्होंने 29 मई से अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार में शामिल होने की घोषणा की है। पावर कॉरपोरेशन का कहना है कि यह कार्य बहिष्कार राज्य की बिजली आपूर्ति व्यवस्था को बाधित कर सकता है और इसलिए कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि हड़ताल में भाग लेने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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क्या है मामला

पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों में कार्यरत अभियंता व तकनीकी कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर आंदोलनरत हैं। उनके अनुसार उनकी वेतन विसंगतियों, पदोन्नति में देरी, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी, और सेवा शर्तों में अनिश्चितता को लेकर कई बार शासन और निगम के अधिकारियों को ज्ञापन दिए गए, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 29 मई से कार्य बहिष्कार की घोषणा की है, जो कि अनिश्चितकालीन होगा। इसका सीधा असर प्रदेश के बिजली वितरण, मरम्मत, ट्रांसफॉर्मर बदलने जैसी सेवाओं पर पड़ेगा।
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पावर कॉरपोरेशन की प्रतिक्रिया

पावर कॉरपोरेशन ने इस प्रस्तावित हड़ताल को गैरकानूनी बताते हुए सभी कर्मचारियों को नोटिस भेजे हैं। नोटिस में कहा गया है कि,”यदि कोई कर्मचारी हड़ताल में शामिल होता है, तो उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। इसमें निलंबन, वेतन कटौती, सेवा से बर्खास्तगी तक के कदम शामिल हो सकते हैं।”निगम के प्रवक्ता ने कहा कि प्रदेश की बिजली व्यवस्था को किसी भी हालत में बाधित नहीं होने दिया जाएगा। आवश्यक सेवाओं को बनाए रखने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जा रही है।
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 हड़ताल के संभावित प्रभाव

यदि यह हड़ताल होती है तो गर्मी के इस चरम समय में जनता को बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है। राज्य के कई जिलों में पहले से ही ट्रिपिंग, फाल्ट और ओवरलोडिंग की समस्याएं बनी हुई हैं।
  • हड़ताल के चलते,लाइन फाल्ट सुधार में देरी
  • ट्रांसफार्मर खराबी पर मरम्मत नहीं
  • ग्रामीण इलाकों में लंबे समय की कटौती
  • उद्योगों को बिजली आपूर्ति में बाधा
  • हॉस्पिटल, पानी की आपूर्ति, बैंक जैसी सेवाएं प्रभावित
  • बिजली अभियंताओं का दावा है कि अगर सरकार ने बातचीत कर हल नहीं निकाला तो पूरा सिस्टम ठप हो सकता है।

क्या चाहते हैं अभियंता

  • विद्युत कर्मचारी संगठनों की मुख्य मांगें निम्न हैं:
  • पुरानी पेंशन योजना की बहाली
  • पदोन्नति की स्पष्ट नीति और समयबद्ध कार्यवाही
  • वेतन पुनरीक्षण की मांग
  • स्थाई भर्ती प्रक्रिया का आरंभ
  • संविदा कर्मचारियों के लिए नियमितीकरण की नीति
  • उनका आरोप है कि शासन बार-बार केवल आश्वासन देता है लेकिन धरातल पर कोई निर्णय नहीं लेता।
 
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बिजली विभाग में कर्मचारियों और प्रशासन के बीच कुछ वर्षों से टकराव 

उत्तर प्रदेश में पिछले कुछ वर्षों से बिजली विभाग में कर्मचारियों और प्रशासन के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है। मार्च 2023 में भी एक बड़ा आंदोलन हुआ था, जिसके बाद तीन दिन तक राज्य के कई हिस्सों में बिजली आपूर्ति चरमरा गई थी। हालांकि उस बार सरकार ने समझौता कर आंदोलन खत्म कराया था। इस बार कर्मचारी संगठनों का कहना है कि वह समझौते के उल्लंघन के कारण मजबूर होकर हड़ताल पर जा रहे हैं।
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सरकार का रुख

उत्तर प्रदेश सरकार इस मुद्दे को गंभीरता से ले रही है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने ऊर्जा विभाग को यह सुनिश्चित करने को कहा है कि बिजली आपूर्ति पर कोई असर न पड़े। शासन की तरफ से वार्ता की कोशिश भी की जा रही है, लेकिन कर्मचारी संगठनों का रुख अब तक कड़ा बना हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं इस स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए निर्देश दे चुके हैं।
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जनता की चिंता बढ़ी

भीषण गर्मी और लोड बढ़ने के कारण पहले ही लोग बिजली कटौती से जूझ रहे हैं। अब हड़ताल की खबरों से चिंता और बढ़ गई है। खासकर पूर्वांचल, जहां ट्रिपिंग और फाल्ट की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं, वहां हड़ताल से स्थिति बेहद खराब हो सकती है।

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