scriptUP भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का चयन क्यों अटका है, कब तक होगा और कौन हो सकता है अगला अध्यक्ष? | Why is the selection of UP BJP state president stuck, when will it happen and who can be the next president | Patrika News
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UP भाजपा प्रदेशाध्यक्ष का चयन क्यों अटका है, कब तक होगा और कौन हो सकता है अगला अध्यक्ष?

UP Politics: उत्तर प्रदेश भाजपा में नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति जातीय समीकरणों, राजनीतिक परिस्थितियों और राष्ट्रीय नेतृत्व की व्यस्तताओं के चलते टली हुई है; फैसला मई मध्य या जून में संभव।

लखनऊMay 03, 2025 / 05:44 pm

ओम शर्मा

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UP BJP President: उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्ति लंबे समय से अधर में लटकी हुई है। 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा संगठन को फिर से मजबूती देने की जरूरत है, लेकिन प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी को लेकर पार्टी में गहरी खींचतान जारी है। जातीय समीकरण, राजनीतिक हालात और राष्ट्रीय घटनाक्रम इस नियुक्ति को लगातार प्रभावित कर रहे हैं।

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क्यों अटका है चयन?

प्रदेशाध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका है, लेकिन तब से नए नाम पर सहमति नहीं बन पाई। इसकी प्रमुख वजह भाजपा की सामाजिक समीकरण साधने की चुनौती है। समाजवादी पार्टी के PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) गठजोड़ ने भाजपा की रणनीतिक उलझनों को बढ़ा दिया है। भाजपा अब सवर्ण चेहरा सामने लाने का जोखिम नहीं उठाना चाहती, ताकि विपक्ष के जातीय विमर्श को बल न मिले।

चल रहा है मंथन 

संगठन के अंदर OBC और दलित नेताओं के नामों पर मंथन हुआ, लेकिन OBC वर्ग के भीतर भी लोध, कुर्मी, निषाद जैसी उपजातियों में किसे तवज्जो दी जाए, इस पर सहमति नहीं बन सकी। दलित वर्ग में पासी और सोनकर जैसी जातियों को लेकर भी संशय है। इन सामाजिक समीकरणों की उलझन ने भाजपा की निर्णायकता को प्रभावित किया है।

क्या राष्ट्रीय नेतृत्व भी उलझन में है?

प्रदेश अध्यक्ष के चयन में देरी का एक बड़ा कारण यह भी है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल भी जनवरी 2023 में समाप्त हो चुका था, जिसे पहले जून और फिर दिसंबर 2024 तक बढ़ाया गया। अब एक बार फिर पहलगाम आतंकी हमले के बाद संगठनात्मक नियुक्तियों पर विराम लग गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, जब तक जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों में हालात सामान्य नहीं होते, तब तक यूपी में भी कोई बड़ा फैसला नहीं होगा।

जातीय जनगणना का दांव और दलित असंतोष

भाजपा सरकार ने हाल ही में जातीय जनगणना का निर्णय लिया है, जिसे पार्टी पिछड़े और दलित वर्ग के बीच बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश करना चाहती है। ऐसे समय में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा को एक ‘सामाजिक संदेश’ के रूप में देना चाहती है, इसलिए हर कदम फूंक-फूंक कर रखा जा रहा है।

करणी सेना से दलित वोट का झटका 

Karni Sena, UP
करणी सेना द्वारा सपा सांसद रामजीलाल सुमन के खिलाफ तलवारबाजी और प्रदर्शन ने दलित वोट बैंक को झकझोरा है। पश्चिमी यूपी से मिले फीडबैक ने भाजपा को सतर्क कर दिया है कि बिना ठोस और संतुलित निर्णय के दलित वर्ग में नाराजगी और बढ़ सकती है।
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कब होगा ऐलान?

सूत्रों की मानें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बीच अंतिम दौर की बातचीत के बाद ही नाम तय होगा। फिलहाल, पार्टी पहलगाम हमले के बाद के हालातों से निपटने में व्यस्त है। संभावना जताई जा रही है कि मई के मध्य या जून की शुरुआत में इस पर निर्णय हो सकता है।

कौन हो सकते हैं UP के नए BJP प्रदेश अध्यक्ष?

ब्राह्मण चेहरा

Dinesh Sharma, Up, BJP


दिनेश शर्मा उत्तर प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री रह चुके हैं और वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। वे पूर्व में उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य (MLC) भी रह चुके हैं। भारतीय जनता पार्टी में उन्होंने राष्ट्रीय उपाध्यक्ष तथा गुजरात प्रदेश के प्रभारी जैसे महत्वपूर्ण दायित्व निभाए हैं। इसके अलावा, वे लखनऊ नगर निगम के महापौर भी रह चुके हैं।
दलित वर्ग से संभावित नाम 

Vidyasagar Sonkar, Vinod Sonkar, BJP, UP
विद्यासागर सोनकर उत्तर प्रदेश से विधान परिषद सदस्य (MLC) हैं और पूर्व में जौनपुर से सांसद रह चुके हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के उत्तर प्रदेश संगठन में प्रदेश महामंत्री के पद पर भी कार्य कर चुके हैं। विनोद सोनकर कौशाम्बी लोकसभा क्षेत्र से निवर्तमान सांसद हैं। वे भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय मंत्री हैं, साथ ही लोकसभा की 
OBC वर्ग से संभावित नाम

बी.एल. वर्मा केंद्र सरकार में उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्रालय तथा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय में राज्य मंत्री (MoS) हैं, और ब्रज क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है। स्वतंत्र देव सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में जल शक्ति मंत्री हैं और पूर्व में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
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धर्मपाल सिंह पांच बार आंवला विधानसभा से विधायक रह चुके हैं और वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में पशुधन, दुग्ध विकास एवं राजनैतिक पेंशन विभाग का कार्यभार संभाल रहे हैं। बाबूराम निषाद एक सक्रिय भाजपा कार्यकर्ता हैं, जो वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। वे पूर्व में प्रदेश उपाध्यक्ष, क्षेत्रीय अध्यक्ष, जिलाध्यक्ष तथा भाजयुमो के जिलाध्यक्ष जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं। साध्वी निरंजन ज्योति पूर्व केंद्रीय मंत्री रही हैं और भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री हैं। संसदीय आचार समिति के सभापति भी हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें दादरा नगर हवेली एवं दमन दीव का पार्टी प्रभारी नियुक्त किया गया है।

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