हाईवे अपहरण कांड से जुड़ा है मामला
यह कार्रवाई उस आपराधिक वारदात के बाद हुई, जिसमें बीते शुक्रवार को दिल्ली-लखनऊ हाईवे पर पुराने टोल प्लाजा के पास खाड़ी देश से लौटे छह लोगों और उनके कार चालक का अपहरण कर लिया गया था। अपहरणकर्ताओं ने खुद को पुलिसकर्मी बताकर सभी को मूंढापांडे थाना क्षेत्र के एक फार्महाउस में बंद कर लिया। आरोपियों को शक था कि यात्रियों के पेट में सोना छिपा है, जिसे वे बर्बर तरीके से निकालने की योजना बना रहे थे।
चालक की सतर्कता से बंधक बचे, दो आरोपी गिरफ्तार
सौभाग्य से कार चालक मौके से भागने में सफल रहा और उसने ग्रामीणों को सूचना दी। तत्पश्चात पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फार्महाउस की घेराबंदी की। इस दौरान मुठभेड़ में दो अपहरणकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया और सभी बंधकों को सकुशल छुड़ा लिया गया।
पेट से निकले 29 सोने के कैप्सूल
मेडिकल जांच में यह सामने आया कि टांडा बादली के निवासी शाने आलम, मुत्तलिब, अजहरुद्दीन और जुल्फेकार के पेट से कुल 29 सोने के कैप्सूल बरामद किए गए। सभी को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां कड़ी निगरानी में उनके पेट से सोना निकालने की प्रक्रिया चल रही है।
कस्टम विभाग को सौंपा गया मामला
एसपी सिटी कुमार रणविजय सिंह ने बताया कि मामला कस्टम विभाग को सौंप दिया गया है और विभाग की मदद से अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क की गहराई से जांच की जा रही है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि विदेश से लौटे इन युवकों ने किसके कहने पर सोना पेट में छिपाया और भारत आने के बाद किन लोगों से संपर्क किया।
सूचना देने वालों पर भी जांच की नजर
जांच में यह भी सामने आया है कि अपहरण और तस्करी की जानकारी रामपुर के टांडा कस्बे से कुछ लोगों ने आरोपियों को दी थी। इसी संदर्भ में हाजीपुरा मोहल्ले से हिरासत में लिए गए दोनों भाइयों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। पुलिस ने कुछ अन्य संदिग्धों को भी हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट, नेटवर्क की परतें खुलने की उम्मीद
इस घटना ने न सिर्फ स्थानीय पुलिस बल्कि कस्टम और सुरक्षा एजेंसियों को भी सतर्क कर दिया है। अब यह एजेंसियां अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क की परतें खोलने में जुटी हुई हैं, ताकि इस संगठित गिरोह की पूरी जड़ तक पहुंचा जा सके।